News nasha Exclusive : जानिए सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग का सच

पूरा भारत इस समय कोरोनावायरस की चपेट में है। लेकिन सोशल मीडिया पर उत्तराखंड को लेकर एक अलग ही माहौल बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार कहां जा रहा है कि उत्तराखंड जल रहा है, उत्तराखंड के जंगलों में आग लग चुकी है। यहां तक कि उत्तराखंड में लगी आग की तुलना ऐमेज़ॉन के जंगलों में लगी आग से की जा रही है। पुरे सोशल मीडिया पर उत्तराखंड को लेकर अलग-अलग हैशटैग भी चल रहे हैं जैसे उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर, प्रे फॉर उत्तराखंड 2020। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे पूरे उत्तराखंड में आग लग गई हो। लेकिन आज हम आपको न्यूज़ नशा के जरिए उत्तराखंड में लगी आग का सच बताते हैं।

दरअसल उत्तराखंड में हर साल आग लगती है। यह कभी कम तो कभी ज्यादा भी लगती है। ऐसा सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में और विदेशों में भी हर साल जंगलों में आग लगती है। उत्तराखंड में भी इस बार आग लगी है। लेकिन 2019 के मुकाबले यह आग बहुत कम है। बता दें कि इस साल अब तक उत्तराखंड में लगभग 51 हेक्टेयर में आग लगी है। जो कि पूरे उत्तराखंड के हिसाब से और पिछले साल के मुकाबले बेहद कम है। लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे पूरा उत्तराखंड इस समय जल रहा है।

उत्तराखंड और ऐमेज़ॉन में लगी आग की तुलना का सच

सोशल मीडिया पर उत्तराखंड में इस साल लगी आग की तुलना ऐमेज़ॉन में लगी आग की तुलना के बराबर की जा रही है। हालांकि ऐमेज़ॉन के जंगलों में जो आग लगी थी वह काफी ज्यादा थी जिसके मुकाबले उत्तराखंड में आग इतनी नहीं लगी है। सोशल मीडिया पर इसको बहुत बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। आज पूरा देश जहां कोरोनावायरस से जंग लड़ रहा है वहीं सोशल मीडिया पर उत्तराखंड राज्य को लेकर अफवाह का माहौल बनाया गया है। हालांकि उत्तराखंड में लगी आग का सच कुछ और ही है।

 

सोशल मीडिया के गलत ट्रेंड से बचें

बता दें कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में लगभग 2.5 लाख हेक्टेयर का जंगल है। वहीं पूरे उत्तराखंड की बात करें तो लगभग इसका 10 गुना ज्यादा। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस साल जो उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी है वह कितनी कम है। लेकिन सोशल मीडिया पर जो दिखाया जा रहा है वह कुछ और ही दर्शा रहा है। इसलिए न्यूज़ नशा आप सभी लोगों से अपील करता है कि सोशल मीडिया के गलत ट्रेंड से बचें क्योंकि उत्तराखंड में लगी आग कि वास्तविकता कुछ और ही है लेकिन सोशल मीडिया पर इसे एक अलग रूप और बनावट देकर दिखाया जा रहा है।

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