Loksabha Elections 2024: ढोलक-नगाड़ों के शहर अमरोहा में किस करवट बैठेगा ऊंट, आइए जानते हैं सियासी समीकरण

2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से बसपा के दानिश अली विजई हुए थे। लेकिन इस बार दानिश हाथी को सवारी छोड़कर कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं

Amroha: पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक अहम जिला अमरोहा अपने ढोलक के लिए विश्वप्रसिद्ध है। यहां के बने ढोलक का निर्यात विदेशों तक होता है। यहां के ढोलक आम की लकड़ी, शीशम की लकड़ी से बनाए जाते हैं। यहां के एक ढोलक का बाजार मूल्य 2000 से 5000 रुपये के बीच होती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी अच्छी कीमत मिलती है। यहां के ढोलक के ऑर्डर इजरायल जैसे देशों से भी मिलते हैं। एक विक्रेता के मुताबिक, ढोलक के कारोबार में अभी भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भी ढोलक उत्पादन के कारोबार पर पड़ा है।

कांग्रेस से दानिश अली को मिला है टिकट

वर्ष 2019 के चुनाव पर हाथी के सारथी बने कुंवर दानिश अली ने भाजपा के कंवर सिंह तंवर को हराकर लोकसभा में पहुंचे थे। उन्होंने करीब 63 हजार वोटों से कंवर सिंह तंवर को हराया था। लेकिन इस बार दानिश अली बसपा का साथ छोड़कर कांग्रेस के साथ चले गए हैं और लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा धार्मिक टिप्पणी किए जाने से चर्चा नाराज दानिश अली को बसपा का साथ नहीं मिला था, जिसकी वजह से उन्होंने बसपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया।

भाजपा ने कंवर सिंह तंवर को दिया है टिकट

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे कंवर सिंह तंवर ने सपा की हुमैरा अख्तर को रिकॉर्ड मतों से हराकर एक बड़ी जीत दर्ज की थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें बसपा के दानिश अली के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी। लेकिन एक बार फिर से भाजपा आलाकमान ने कंवर सिंह को टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है। जबकि बसपा ने यहां से मुजाहिद हुसैन को टिकट दिया है।

अमरोहा में जातीय समीकरण

अमरोहा में कुल 17 लाख 13 हजार 154 वोटर हैं। यहां पर 42 फीसदी मुस्लिम आबादी, 13 फीसदी जाटव आबादी, राजपूत आबादी 8 प्रतिशत, जाट आबादी 7 फीसदी, खागी आबादी 7 प्रतिशत, सैनी आबादी 5 फीसदी, गुर्जर आबादी 4 फीसदी तथा अन्य जातियों की आबादी 4 फीसदी है।

 

 

 

 

 

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