West Bengal: 8 साल पहले हुई शिक्षक भर्ती को कोलकाता हाईकोर्ट ने किया रद्द, केवल एक महिला की नौकरी बची

2016 में इस शिक्षक भर्ती में चपरासी से लेकर शिक्षक शामिल थे

कोलकाता हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय देते हुए 8 साल पहले हुए पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने बहुत साफ शब्दों में कहा कि हैं 2016 में SSC के तहत हुए हर भर्ती को हम रद्द करते हैं, क्योंकि इस भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था। हालंकि, इस बीच हाईकोर्ट ने केवल एक महिला की नौकरी को बरकरार रखा है। इस महिला नाम सोमा दास है और यह कैंसर पीड़िता है। जिसकी वजह से सहानुभूति दिखाते हुए कोर्ट ने महिला को नौकरी बरकरार रखी है।

जानिए पूरा मामला

दरअसल, आज से करीब 8 वर्ष पूर्व 2016 में पश्चिम बंगाल सरकार ने विद्यालयों में शिक्षकों की एक बहाली निकाली थी। यह भर्ती इंटर कॉलेज से लेकर डिग्री कॉलेज तक थी। लेकिन इस भर्ती पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और यह मामला हाईकोर्ट तक चला गया। इस मामले में कई याचिकाएं दायर हुईं, जिसकी सभी की एक साथ सुनवाई हुई, और आज एक ऐतिहासिक फैसला आया। इस शिक्षक घोटाले से जुड़े सभी  मामलों की सुनवाई पिछले महीने की  20 मार्च को ही पूरी हो गई थी और उसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट की डिविजनल बेंच ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। अब एक महीने बाद इस मामले में जस्टिस देबांगसु बसाक और जस्टिस मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने इस घोटाले से जुड़ी कई याचिकाओं और अपील पर फैसला सुनाया है।

CBI ने की थी जांच 

शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर CBI को सौंपी गई थी। सीबीआई ने निष्पक्षता से जांच करते हुए, इस मामले के दोषी शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अतिरिक्त इस मामले में शिक्षा चयन आयोग के अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने दो महीने में ही जांच पूरी कर रिर्पोट सौंप दी। अब हाईकोर्ट ने फिर से 15 दिन के अंदर भर्ती करने को सरकार से कहा है।

 

 

 

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