पश्चिम रेलवे : रेल सुरक्षा बल का ट्रेसपासिंग के खिलाफ जागरूकता के लिए ‘यमराज’ अभियान

मुंबई। पश्चिम रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पटरी पार करने की सामाजिक बुराई के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए यमराज कैम्पेन नामक एक अनूठे जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह अभियान पश्चिम रेलवे के रेल सुरक्षा बल के 36 वें स्थापना दिवस सप्ताह के अवसर पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की एक कड़ी के रूप में आयोजित किया गया। यह अनोखा अभियान मुंबईकरों के बीच रेल पटरियों को पार करने की खतरनाक और घातक सामाजिक बुराई के खिलाफ व्यापक जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित किया गया।

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने आरपीएफ की इस अनूठी और अभिनव अवधारणा की सराहना करते हुए सभी से अपील की है कि रेल की पटरी पार कर अपने जीवन को खतरे में न डालें, क्योंकि हर जीवन अनमोल होता है। उन्होंने सभी यात्रियों को प्लेटफार्म बदलने के लिए पैदल ऊपरी पुलों, एस्केलेटरों या सबवे का उपयोग करने का अनुरोध किया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जनता को ट्रेसपासिंग के खिलाफ जागरूक करने के लिए यह अभियान पश्चिम रेलवे के उपनगरीय खंड पर बांद्रा, अंधेरी, राम मंदिर, मालाड और बोरीवली स्टेशनों के विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर आयोजित किया गया। यमराज के रूप में पोशाक पहने एक आरपीएफ कर्मचारी ने प्लेटफॉर्मों पर गुजर रहे यात्रियों के साथ-साथ रेलवे पटरियों के आस-पास की झुग्गियों में रहने वाले लोगों को भी ट्रेसपासिंग की उस बुराई से बचने के लिए जागरूक किया, जो सभी के जीवन के लिए खतरनाक है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पटरी पार करने वाले यात्रियों के बीच मनोवैज्ञानिक भय की भावना पैदा करना है।

ठाकुर ने बताया कि आरपीएफ नियमित रूप से इस तरह के गहन जागरूकता अभियान चला रहा है और ट्रेसपासर्स के खिलाफ रेल अधिनियम के तहत मामले दर्ज कर रहा है। परिणामस्वरूप, पिछले कुछ वर्षों में ट्रेसपासिंग के मामलों की संख्या लगातार कम हो रही है। पटरी पार करने के कारण प्रति दिन होने वाली मौतों और चोटों के मामलों की औसत संख्या उपनगरीय खंड में उल्लेखनीय रूप से कम हो गई है।

उन्होंने बताया कि पश्चिम रेलवे ट्रेसपासिंग के खतरे को रोकने के लिए अन्य स्तरों पर भी हरसम्भव प्रयास सुनिश्चित कर रही है। विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त फुट ओवर ब्रिज (एफओबी), सबवे, एस्केलेटर और लिफ्ट उपलब्ध कराये गये हैं। इनके अलावा, रेल की पटरियों के किनारे नई बाउंड्री दीवारों का निर्माण किया गया है और ट्रेसपासर्स को रोकने के लिए पुरानी बाउंड्री दीवारों में हुए अंतराल को भर दिया गया है।

कई जागरूकता अभियान सार्वजनिक घोषणा प्रणाली, नुक्कड़ नाटक और रेडियो जिंगल्स के माध्यम से भी सुनिश्चित किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वेब कार्ड, स्लोगनों और वीडियो फिल्मों के जरिये भी इस विषय पर व्यापक प्रचार किया जा रहा है। पश्चिम रेलवे द्वारा सभी यात्रियों से ट्रेसपासिंग की बुराई से बचने और एक जिम्मेदार नागरिक बनने का अनुरोध किया गया है।

Related Articles

Back to top button