विश्व गर्भ निरोधक दिवस पर विशेष छोटे परिवार की अलख जगाएं, समाज में खुशहाली लाएं— सीएमओ

वाराणसी। धर्म नगरी काशी में 26 सितम्बर शनिवार को “विश्व गर्भ निरोधक दिवस” स्वास्थ्य विभाग की ओर से मनाया जायेगा। जिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर स्टाल लगाकर गर्भ निरोधक साधनों के बारे में बता कर लोगों को जागरूक किया जायेगा।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वी बी सिंह ने बताया कि गर्भ निरोधक उपायों के प्रति जागरूकता लाने और युवाओं को सही उम्र में प्रजनन का निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए ही 26 सितम्बर को दुनिया भर में विश्व गर्भ निरोधक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि परिवार के साथ ही समाज और देश की खुशहाली के लिए जरूरी हो गया है कि हर कोई छोटे परिवार के बड़े फायदे के बारे में गंभीरता से विचार करे। इसके अलावा बच्चे का जन्म तभी हो जब माता-पिता उसके लिए पूरी तरह से तैयार हों।

उन्होंने बताया कि अनचाहे गर्भ से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास “बास्केट ऑफ़ च्वाइस” मौजूद है, लोग अपनी सुविधा अनुसार उसमें से कोई भी साधन अपना सकते हैं । ताकि अनचाहे गर्भ धारण की समस्या से बचने के साथ ही माँ-बच्चे की मुस्कान भी बनी रहे। उन्होंने बताया कि दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए। इससे मातृ मृत्यु-दर में तीस फीसद एवं शिशु मृत्यु-दर में दस फीसद की कमी लायी जा सकती है। उन्होने जनपदवासियों से अपील की है कि पुरुष नसबंदी सरल है और सुरक्षित भी, इसलिए योग्य लाभार्थी आगे आकर इस विधि का चुनाव करें और लाभ उठायें।

2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 के परिवार कल्याण कार्यक्रमों के परिणाम उत्साहजनक
2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 के परिवार कल्याण कार्यक्रमों के परिणाम वाराणसी में उत्साह जनक है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ राजेश प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2020-21 सत्र की शुरुआत ही कोविड-19 महामारी से हुई, इस कारण से प्रगति धीमी रही। फिर भी गर्भ निरोधक गोली छाया, प्रसव के तुरंत बाद लगने वाली पीपीआईयूसीडी और कंडोम की डिमांड ज्यादा रही । उन्होंने बताया कि फ्रंट लाइन वर्कर (आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम) की भूमिका सराहनीय है। कोविड के चलते अस्पतालों में नसबंदी की सेवा नहीं दी जा सकती थी तो लोगों ने अस्थायी साधनों के प्रति दिलचस्पी दिखाई

अन्तरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं की मदद के लिए अंतरा केयर हेल्पलाइन (1800-103-3044) पर तैनात काउंसलर जब फोन करती हैं तो लाभार्थी बेहिचक अपनी सारी समस्याओं पर बात करती हैं। इससे उनमें एक विश्वास जगा है। केयर लाइन सातों दिन सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक चलती है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन को लेकर लोगों के व्यवहार परिवर्तन की जरूरत है। गर्भ निरोधक साधनों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाना चाहिये, जिससे जन-जागरूकता आ सके।

पुरूष नसबंदी पर लाभार्थी को 2000 रूपये भी मिलेगा
गर्भ निरोधक साधनों को अपनाने पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पुरुष नसबंदी पर लाभार्थी को 2000 तथा आशा को 300 रुपये तथा महिला नसबंदी (अंतराल) पर 1400 रुपये लाभार्थी को तथा आशा को 200 रुपये, प्रसव पश्चात महिला नसबंदी पर लाभार्थी को 2200 तथा आशा को 300 रुपये, प्रसव पश्चात आई.यू.सी.डी. लाभार्थी को 300 तथा आशा को 150 रुपये,गर्भपात (सर्जिकल स्वतः) पश्चात आई.यू.सी.डी. लाभार्थी को 300 तथा आशा को 150 रुपये दिये जाते हैं। डॉ राजेश प्रसाद ने बताया कि इन्स्योरिंग स्पेसिंग एट बर्थ स्कीम (ई.एस.बी.) योजना के अन्तर्गत आशा को, नव विवाहित दंपत्तियों को विवाह के उपरांत 2 वर्ष तक अंतराल साधनों का परामर्श प्रदान कर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए 500 रुपये, पहले एवं दूसरे बच्चे में 3 वर्ष का अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन साधनों का परामर्श प्रदान कर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए 500 रुपये दिया जाता है। 2 बच्चों तक परिवार सीमित रखने वाले पात्र दंपत्तियों को स्थाई साधनों (महिला/पुरुष नसबंदी) का परामर्श प्रदान कर चयन सुनिश्चित करने हेतु 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

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