शहद ने घोली किसानो के जीवन में मिठास, जानिए कैसे

शहद का इस्तेमाल एक औषधि के रूप में किया जाता है।शहद लोगों को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने के साथ-साथ मुनाफा देने का भी काम कर रहा है।गंगोह ब्लॉक के गांव पूजना निवासी किसान मनोज कुमार व राजकुमार पिछले 15 वर्षों से मधुमक्खी पालन का कार्य कर रहे हैं।मधुमक्खी पालन से जो शहद उन्हें प्राप्त होता है उसने उनके जीवन में मिठास घोलने का काम किया है।किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में उनके पास 500 बॉक्स मधुमक्खियों के हैं जिनसे इस बार उन्हें 11250 किलो शहद प्राप्त हुआ है और लगभग 12 लाख 37 हजार 500 रुपये का उनका यह शहद मार्केट में बिका है।उन्होंने इस वर्ष सभी खर्चा निकाल कर लगभग 4 लाख 50 हजार का मुनाफा कमाने का काम किया है।किसानो का कहना है कि उनके पास लीची,सरसों,यूकेलिप्टस, मल्टीफ्लोरा6 आदि का शहद उपलब्ध है।

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उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अलग-अलग समय पर उन्हे मधुमक्खी के बक्शो को अलग-अलग जगह पर लेकर जाना पड़ता है।किसानो का कहना है कि वे हर वर्ष जम्मू कश्मीर,राजस्थान,हरियाणा,यूपी,पंजाब आदि राज्यों में बक्शो को लेकर जाते हैं क्योंकि बक्सों में मौजूद मक्खियां फूलों से रस लेकर उसका शहद बनाने का काम करती हैं।

किसानो का कहना है कि उन्होंने अपने इस व्यवसाय से लगभग आधा दर्जन बेरोजगारों को रोजगार देने का भी काम किया है।किसानों ने कहा कि जिस तरह से आज कृषि के बढ़ते खर्चे के कारण खेती से कम मुनाफा हो रहा है ऐसे में किसानों को मधुमक्खी पालन के व्यवसाय में किस्मत आजमाने की आवश्यकता है।

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