हाथरस मामला: संदिग्ध महिला आई सामने, कहा मुझे फंसा रही उत्तर प्रदेश सरकार

जबलपुर। हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में पीडि़ता के परिवार के साथ रह रही जबलपुर की महिला ने शनिवार को मीडिया के सामने आकर अपनी सफाई दी है। उप्र पुलिस द्वारा नक्सली होने का आरोप लगाये जाने पर प्रोफेसर डॉ. राजकुमारी बंसल ने कहा कि ये मेरे मान सम्मान की बात है, पुलिस के द्वारा मुझे कैसे अर्बन नक्सली कहा गया।

यूपी एसआईटी की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले सबूत पेश करें। उन्होंने कहा कि मैं फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी, क्योंकि मैं एक्सपर्ट हूं उस विषय की। आरोपित महिला ने कहा कि मैने भाभी बनकर कभी इन्टरव्यू नहीं दिया, मैंने कहा कि मैं बेटी हूँ। डॉ राजकुमारी बसंल ने कहा कि उनसे मेरा कोई रिश्ता नहीं है, मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस गैंगरेप पीडि़ता के घर गई थी। राजकुमारी बंसल ने बताया कि उनको अच्छा लगा कि हमारे समाज की एक लड़की इतने दूर से आई है तो उन्होंने कहा कि बेटा एक-दो दिन रूक जाओ, तो मैं रूक गई। अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी की टीम मुझे फंसा रही है। इस मामले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजेश तिवारी का कहना है कि डॉ राजकुमारी बंसल पैथोलॉजिस्ट है वो कब प्रोफ़ेसर हो गईं मुझे नहीं मालूूम इस बारे में कार्यालय से जानकारी ली जा रही है।

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