खुराक आज से, जिस श्रेणी के लगनी है, उस श्रेणी के 80 लाख को नहीं लग पाएगी, जानें क्‍यों

नई दिल्‍ली. कोरोना (Corona) के बढ़ते प्रभाव के बीच देश में आज से स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी, फ्रंट लाइन वर्कर और बीमार वरिष्‍ठ नागरिकों को कोरोना की एहतियाती खुराक (Precautionary Covid Vaccine Dose) लगनी शुरू हो रही है. लेकिन अभी इस श्रेणी के करीब 80 लाख लोगों ने दूसरी डोज नहीं लगवाई है. इस वजह से एहतियाती खुराक नहीं लग पाएगी . स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय (Ministry of Health) के अनुसार देश में अब तक 151 करोड़ वैक्‍सीन की डोज लग चुकी है. कुल लगी वैक्‍सीन में 15 फीसदी के करीब लोगों ने एक ही डोज लगवाई है. इसमें 15 से 18 की उम्र के बीच किशोरों को छोड़कर सभी श्रेणी और उम्र के लोग शामिल हैं, क्‍योंकि किशोरों को वैक्‍सीन अभी लगनी शुरू हुई है, इसलिए उनका दूसरी डोज का समय ही हुआ है.

देश में 15 से 18  की उम्र के किशोरों के बाद आज से ए‍हतियाती वैक्‍सीन लगनी शुरू हो रही है. हालांकि यह वैक्‍सीन सभी श्रेणी के लोगों को नहीं लग रही है. सरकार ने केवल उन लोगों को लगाने का निर्णय लिया गया है, जिनको कोरोना का खतरा अधिक है, यानी स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी, फ्रंट लाइन वर्कर और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बीमार लोगों को ए‍हतियाती वैक्‍सीन लगेगी. आज से जिस श्रेणी को ए‍हतियाती वैक्‍सीन लगनी है, उनमें से 80 लाख के करीब दूसरी डोज नहीं लगवाई है. इन लोगों ने दूसरी डोज लगवाने में लापरवाही बरती है, क्‍योंकि पिछले वर्ष शुरू में इन लोगों को वैक्‍सीन लगनी शुरू हो गई थी और तय समय में यानी 84 दिनों में कोविशील्‍ड की दूसरी डोज लग जानी चाहिए थी.

स्‍वास्‍थ्‍य  कर्मी

देश के 1,03,88,856 स्वास्थ्य कर्मियों को पहली डोज लगी, लेकिन दूसरी डोज 97,41,004 को ही लगी, यानी 6 लाख से अधिक कर्मियों ने दूसरी डोज नहीं लगवाई है.

फ्रंट लाइन वर्कर

इस श्रेणी के 1,83,87,153 लोगों को पहली डोज लगी लेकिन दूसरी डोज 1,69,69,726 को ही लगी है यानी 14 लाख ने दूसरी डोज नहीं लगवाई है.

60 से ऊपर वाले लोग

इस उम्र के 12,22,46,143 लोगों ने पहली डोज ली लेकिन दूसरी 9,80,10,157 लोगों ने ही लगवाई है. यानी 2.40 करोड़ से अधिक ने दूसरी डोज नहीं लगवाई है. इसमें 25 फीसदी को बीमार माना जाए तो 60 लाख लोगों ने दूसरी डोज नहीं ली है.

80 लाख को कैसे लगेगी एहतियाती डोज

60 लाख अनुमानित बुजुर्ग और 20 स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी व फ्रंट लाइन वर्कर मिलाकर करीब 80 लाख ऐसे लोगों हैं, जिन्‍हें एहतियाती डोज लगना मुकिश्‍ल है क्‍योंकि इन्‍होंने अभी तक दूसरी डोज ही नहीं लगवाई है.

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