प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज पर करोड़ों रुपये की ठगी, गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज पर करोड़ों रुपये का लोन जारी करने वाले एनबीएफसी के कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इनके साथ ही इस रैकेट के सरगना की पत्नी को भी आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। मामले में दो आरोपितों को पहले ही आर्थिक अपराध शाखा गिरफ्तार कर चुकी है।
आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस लिमिटेड ने आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत दी थी। शिकायत में उनके डायरेक्ट सेलिंग एजेंट अमृत मान, सेल्स मैनेजर निलंजन मजूमदार और रिजनल मैनेजर नितेश कुमार प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन देते थे। अमृत मान अपनी एक सेल्स एजेंसी फुंडविज़्ज़ निलंजन मजूमदार के साथ चलाता था। उनके द्वारा लाए गए क्लाइंट से काफी गड़बड़ी हो रही थी। इसलिए उन्होंने जब फिजिकल वेरिफिकेशन की तो पाया कि उनके द्वारा दिए गए पते सभी फर्जी हैं। इस बाबत 2019 में आर्थिक अपराध शाखा में केस दर्ज किया गया था।
वहीं मामले को गभीरता से लेते हुए डीसीपी मोहम्मद अली की देखरेख में टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि इन आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन लिए हैं। आगे जांच में पता चला कि एनबीएफसी के अधिकारी इस पूरे घोटाले में लिप्त है। उन्होंने जानबूझकर ना तो दस्तावेजों की जांच की और ना ही प्रॉपर्टी को जाकर देखा। इस मामले में उन्होंने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। आगे जांच में पता चला कि यह एक बड़ा रैकेट है और कंपनी को ठगने के इरादे से काफी लोग इसमें सक्रिय थे।
आगे जांच करने के दौरान पुलिस को पता चला की साजिश के तहत इन लोगों ने यह ठगी का प्लान तैयार किया था। इस गैंग के सरगना अमृत मान ने फुंडविज्ज के नाम से एक सेल्स एजेंसी तैयार की, इसके अलावा कंपनी में काम करने वाले नितेश कुमार और निलंजन मजूमदार के साथ मिलकर उसने छह लोन सैंक्शन कराए जो फर्जी दस्तावेज पर थे। इस मामले में रिजनल मैनेजर नितेश कुमार और आकाश बरतारिया को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एक महिला को भी पुणे से गिरफ्तार किया गया है। आकाश इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए अमित बरतारिया का भाई है। वहीं गिरफ्तार महिला अमृत मान की पत्नी है। वह फरार चल रही थी।

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