भोगिशैल परिक्रमा यात्रा निरस्त: घरों में बैठकर करें पूजा पाठ

जोधपुर। हिन्दू सेवा मण्डल एवं भोगिशैल परिक्रमा यात्रा आयोजन समिति-2020 द्वारा 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक पुरुषोत्तम मास में आयोजित होने वाली भोगिशैल परिक्रमा यात्रा-2020 कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए सरकार के दिशा निर्देशों की पालना में निरस्त कर दी गई है। आयोजन समिति द्वारा सभी श्रद्धालुओं से घर बैठ कर ही पूजा अर्चना करने की अपील की गई है।

भोगिशैल परिक्रमा यात्रा आयोजन समिति के सचिव विष्णुचन्द्र प्रजापत ने बताया कि भारतीय ज्योतिष गणना पद्धति के अनुसार प्रत्येक सूर्य वर्ष 365 दिन छह घंटे का होता है, एवं चंद्र गति के अनुसार वर्ष में 354 दिन माना जाता है, प्रत्येक वर्ष के 11 दिनों के अंतर को दूर करने के लिए प्रत्येक तीन वर्ष में एक मास अधिक होता है, उसे अधिक मास, पुरुषोत्तम मास मलमास कहते हैं। सनातन संस्कृति में पुरुषोत्तम मास का विशेष महत्व है। इस मास में दान-पुण्य, सेवा कार्य, व्रत, उपवास, पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है इस लिए अधिक मास के समय मारवाड का कुंभ भोगिशैल परिक्रमा यात्रा में मारवाड़, मेवाड़, गोडवाड़, गुजरात सहित देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उबड़-खाबड़ पथरीले कांटों भरे रास्ते पर पैदल चलते हुए सात दिन में पूर्ण करते हैं।

भारतीय पंचांग के अनुसार इस वर्ष अश्विन मास अधिक होने के कारण से भोगिशैल परिक्रमा यात्रा 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित होनी थी। वैश्विक महामारी कोराना वायरस संक्रमण के बढते प्रकोप को देखते हुए धारा 144 के साथ किसी भी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरजंन, सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों पर 31 अक्टूबर तक पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है। सरकार व प्रशासन के दिशा निदेशों की पालना करते हुए हिन्दू सेवा मण्डल जोधपुर एवं भोगिशैल परिक्रमा यात्रा आयोजन समिति के प्रमुख कार्यक्रर्ताओं की बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि भोगिशैल परिक्रमा यात्रा-2020 के सभी कार्यक्रम आम श्रृद्धालुओं के लिए निरस्त किये गये है सभी श्रद्धालुओं से आग्रह है कि घर पर ही भजन कीर्तन दान-पुण्य करे।

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