कोविड वैक्सीन की प्राथमिकता तय करने से पहले करना होगा पहले ये काम

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को कोविड वैक्सीन सम्बन्धी प्राथमिकताएं तय करने से पहले राज्य के साथ परामर्श करने की अपील की ।
उन्होंने आज यहां नीति आयोग की वर्चुअल बैठक में भाग लेते हुये कहा कि यह पूरी आबादी से जुड़ा मसला है।
केन्द्र की तरफ से स्वास्थ्य संभाल और फ्रंटलाईन कर्मचारियों की रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार किये गए पोर्टल के साथ टीकाकरण के लिए नाम दर्ज करवाने के इच्छुक कई कर्मचारियों के रजिस्ट्रेशन से वंचित रहने की तरफ ध्यान दिलाते हुए उन्होंने केंद्र से अपील की कि टीकाकरण मुहिम को सफल बनाने के लिए ऐसे वर्करों की रजिस्ट्रेशन को मंज़ूरी दी जाये।
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को कोविड प्रबंधन के लिए निर्धारित मौजूदा 50 प्रतिशत की बजाय उपलब्ध सी.वी.आर.एफ. को 100 प्रतिशत ख़र्च करने की आज्ञा देने के लिए भी अपील की। उन्होंने कहा कि कोविड सम्बन्धी मामलों के कारण एस.डी.आर.एफ. के सालाना बजट में वृद्धि होने की सूरत में राज्य को पिछले सालों के उपलब्ध फंड का प्रयोग करने की आज्ञा भी दी जाये।
कैप्टन सिंह ने कहा कि राज्य को कम-से-कम 300 करोड़ रुपए की तत्काल वित्तीय सहायता दी जाये जिससे महामारी के मद्देनजऱ सेहत सम्बन्धित बुनियादी ढांचे, उपकरणों और स्वास्थ्य संभाल की अन्य ज़रूरतों (दवाएँ आदि) को अपग्रेड किया जा सके। राज्य को स्वास्थ्य और वैलनैस सैंटरों में मानक और प्रभावी सेवाएं प्रदान करने, बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने, दवाएँ और डायग्नोस्टिक की उपलब्धता के लिए अनुदान मुहैया करवाया जाये । उन्होंने हर राज्य में एक ‘वाटर क्वालिटी कोष’ बनाने की भी माँग की जिससे पंजाब ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में निरंतर साफ़ और पीने योग्य पानी उपलब्ध करवाने के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया जा सके।
कैप्टन सिंह ने गुरदासपुर मैडीकल कॉलेज के प्रोजैक्ट पर प्राथमिक आधार पर विचार किये जाने की मांग की ताकि 

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