अब प्लास्टिक से बनेगा सोना, स्विट्ज़रलैंड ने खोजा फार्मूला

जलवायु परिवर्तन आज के समय में एक महासमस्या के रूप में सबके सामने खड़ा है। और इसकी मुख्य वजह है प्रदूषण। प्रदूषण की वजह से दुनिया भर का पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। इसलिए पिछले कुछ समय से दुनिया भर के कई देशों में प्रदूषण के निवारण के लिए ठोस कदम उठाये जा रहे हैं। ऐसे में भूमि प्रदूषण का मुख्य कारण- प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग के लिए भी तमाम प्रयोग किए जा रहे हैं। कई देशों में प्लास्टिक से ईंधन और सड़कें बनाए जाने के बाद अब प्लास्टिक से सोना बनाने का प्रयोग सफल हो गया है।

स्विजरलैंड के वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक के जरिए 18 कैरेट का सोना बनाने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जानकारी के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इस सोने को बनाने के लिए प्रोटीन, फाइबर और एक पॉलिमर लेटेक्स का इस्तेमाल किया है। प्लास्टिक को सोने के नैनोक्रिस्टल की पतली डिस्क में रखकर उसमें क्रमश: पानी और अल्काेहल डालकर घाेल तैयार किया। इस घाेल काे ठोस आकार देने के लिए घोल को कार्बन डाइऑक्साइड गैस के उच्च दबाव से प्रवाहित किया गया। यह प्रयोग सफल होते ही वैज्ञानिकों ने सोने बनाने की प्रक्रिया और इसमें इस्तेमाल हुई सामग्री को पेटेंट करवाने का आवेदन दे दिया है।
सोने से हल्का प्लास्टिक निर्मित सोना

गौरतलब है कि प्लास्टिक मैट्रिक्स और सोने का यह alloy रुपी 18 कैरेट सोना असली सोने के वजन की तुलना में काफी हल्का है। हालाँकि, इसकी चमक बिल्कुल असली सोने जैसी ही है। स्विस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक राफेल मेजेन्गा के अनुसार, यह सोना(alloy) सामान्य 18 कैरेट सोने से दस गुना हल्का है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सोने के पारंपरिक मिश्रण में तीन-चौथाई(3/4) सोना और एक चौथाई(1/4) तांबा होता है, जिसका घनत्व तकरीबन 15 ग्राम/सेमी होता है। लेकिन प्लास्टिक मैट्रिक्स और सोने से बने इस सोने के alloy का घनत्व महज 1.7 ग्राम/सेमी है।

बता दें कि दुनिया में इस समय प्लास्टिक(टन) पृथ्वी पर मौजूद इंसानो की संख्या से भी ज़्यादा है। अमेरिका की एक रिसर्च के अनुसार, पृथ्वी पर इस समय लगभग 9.1 अरब टन प्लास्टिक मौजूद है। जबकि दुनिया की कुल आबादी तकरीबन 7.6 अरब है। प्रति व्यक्ति प्लास्टिक का हिस्सा मापें, तो हर व्यक्ति के हिस्से में तकरीबन 1.2 टन प्लास्टिक आता है।

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