आखिर जयाप्रदा रामपुर में क्यों भर रहीं हुंकार? कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है!

यूपी की सियासत का भी अलग ही टशन है | लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा के उपचुनाव पारा चढ़ा ही रहता है | ऐसा ही कुछ हाल रामपुर में है | आजम खा के सांसद बनने के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं | लेकिन 80 से ज्यादा मुकदमे झेल रहे आजम खान के लिए रामपुर इस बार अग्निपरीक्षा से कम नहीं है |

लोकसभा चुनाव में आजम खान से पराजित हो चुकीं जया प्रदा ने शुक्रवार को एक फिल्मी गाने के जरिए महिला मतदाताओं में जोश भरने की कोशिश की | जय प्रदा ने हिन्दी फिल्म ‘मेरी जंग’ का लोकप्रिय ‘गीत जिंदगी हर कदम इक नई जंग है | जीत जाएंगे हम, तू अगर संग है…’ सुनाया…. मतलब जया प्रदा ने आजम खान के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है | चर्चा इस बात की भी है कि बीजेपी जया प्रदा को रामपुर विधानसभा से उपचुनाव में मैदान में उतार सकती है |

आजम भूमाफिया से लगाकर बकरी चोरी के तक के कई दर्जन मुकदमे झेल रहे हैं

वहीं दूसरी तरफ आजम इन दिनों भूमाफिया से लगाकर बकरी चोरी के तक के कई दर्जन मुकदमे झेल रहे हैं | वह इस बीच में कई माह से अपने घर रामपुर भी नहीं आए हैं | जहां एक ओर आजम के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती है, वहीं सपा को अपना वोटबैंक सुरक्षित रखने की परीक्षा है |

रामपुर विधानसभा सीट के इतिहास को देखें तो आजम यहां सन् 1980 से लेकर अब तक चुनाव जीते हैं | हां एक बार 1996 में कांग्रेस से वह चुनाव हारे थे | इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा | 2017 में जब बीजेपी की सुनामी आई थी | तब आजम अपनी और अपने बेटे की सीट बचाने में कामयाब रहे थे | अब उन्हीं के इस्तीफे के बाद उपचुनाव हो रहा है |

कुछ वोट आजम के खिलाफ हैं और कुछ उनके साथ हैं

रामपुर सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है | ऐसे में यहां पर कुछ मुस्लिमों के वोट बंट जाएंगे, क्योंकि कुछ आजम के खिलाफ हैं और कुछ उनके साथ हैं | ऐसे में यहां अभी यह कह पाना मुश्किल है कि चुनाव कौन जीतेगा, क्योंकि सपा और बीजेपी ने अपने प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं | यहां खासतौर पर बीजेपी का प्रत्याशी बहुत मायने रखता है | अगर यहां से जयप्रदा चुनाव लड़ी तो जंग और भी रोचक हो जाएगी |

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