अखिलेश के नेता प्रतिपक्ष बनने से नाराज हुए आज़म

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी में हाहाकार मचा हुआ है। एक तरफ जहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव बगावत का ऐलान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी में हाहाकार मचा हुआ है। एक तरफ जहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव बगावत का ऐलान कर चुके हैं तो दूसरी तरफ पार्टी के दिग्गज नेता और सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान का खेमा भी अब खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहा है। आजम खान के करीबियों ने अखिलेश यादव पर बुरे वक्त में साथ नहीं देने का आरोप लगाया है। आजम खान के मीडिया प्रभारी ने योगी के उस बयान को भी ठीक बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव भी नहीं चाहते हैं कि आजम जेल से बाहर आएं।

 

 

करीब ढाई साल से सीतापुर जेल में बंद आजम खान के करीबियों ने भले ही पहली बार इस तरह खुलकर नाराजगी जाहिर की है, लेकिन उनका यह दर्द काफी पुराना है। दरअसल, 2017 में यूपी में योगी सरकार की शुरुआत के बाद से आजम खान के लिए जब बुरे दौर का आगाज हुआ तो अखिलेश यादव काफी हद तक इस मामले पर चुप्पी साधे रहे। आजम समर्थकों को लगता है कि अखिलेश ने आजम की गिरफ्तारी का उस तरह विरोध नहीं किया, जितनी अपेक्षा थी। वह अब तक केवल एक बार ही जेल में जाकर आजम से मिले हैं।

 

 

समर्थकों को टिकट नहीं मिलने से भी नाराजगी

आजम खेमे की नाराजगी विधानसभा चुनाव में और ज्यादा बढ़ गई। आजम खान की ओर से अपने और बेटे के अलावा करीब दर्जनभर समर्थकों के लिए टिकट की मांग की गई थी। लेकिन अखिलेश यादव ने केवल आजम खान और उनके बेटे को ही टिकट दिया। समर्थकों को दरकिनार कर दिया गया।इसके बाद आज़म के समर्थक अखिलेश पर बगावती सुरो के साथ टूट पड़े हैं।

 

 

 

नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की थी उम्मीद

आजम समर्थक यह भी चाहते थे कि संसदीय सीट से इस्तीफा देकर रामपुर सीट से विधायक बने आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए। हालांकि, अखिलेश यादव ने यह पद अपने पास रखते हुए योगी सरकार को सीधी चुनौती देने का फैसला किया। आज़म खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान शानू ने कहा कि आजम खां ने अखिलेश यादव और उनके पिता का समाजवादी पार्टी के बनने और मुख्यमंत्री बनने तक हर कदम पर साथ दिया। शानू ने तमाम अहसान गिनाए। उन्होंने कहा फिर भी अखिलेश यादव ने आजम खान को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया। हलाकि इस स्थिति को ऐसे भी देखा जा रहा है की 24 के चुनाव से पहले अखिलेश के वोट बैंक में बड़ी सेंध की ज उसके जिससे बीजेपी यूपी की अस्सी सीटों के गडित को बना कर केंद्र में वापसी कर सके।

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