भगवान शिव को प्रिय धतूरा फायदे से होता है भरपूर, लेकिन इस्तेमाल से पहले ये बातें जरूर जानें 

भगवान शिव को धतूरा अर्पित किया जाता है लेकिन क्या जानते हैं कि धतूरे का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि इसके कई फायदे भी हैं। आयुर्वेद में धतूरे के पत्तों और इसके रस को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। आइए, जानते है इसके फायदे-

चोट का घाव जल्द भर जाता है 
धतूरा में एंटिसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो गहरे घाव को भी जल्द भर देता है। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा गहरे घाव हो तो इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। धतूरे के फल में एंटीइन्फ्लेट्री गुण पाया जाता है, जिसके कारण से यह चोट की या सामान्य रूप से हुई सूजन को कम कर देता है। चोट की सूजन को दूर करने के लिए इसके फलों को खूब अच्छी तरह कूट लें। पेस्ट बनाकर इसे सूजन वाली जगह पर लगाकर राहत पाई जा सकती है।

कान के दर्द को दूर करता है धतूरा
कान में दर्द हो रहा हो या कोई घाव हो गया हो तो धतूरे का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि इसमें एंटी इन्फेल्मेट्री गुण भी पाया जाता है। हालांकि, बच्चों के कान में उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

शरीर को गर्म रखता है धतूरा
धतूरा गर्म तासीर का फल है। वैज्ञानिक दृष्टि से धतूरा सीमित मात्रा में लेने पर ही औषधि रहता है और ज्यादा मात्रा में लेने पर शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

जोड़ों के दर्द से राहत देता है धतूरा
अगर कोई जोड़ों के दर्द से परेशान हैं या पैरों में सूजन या भारीपन लगता है तो धतूरे की पत्तियों को पीसकर इसका लेप लगा सकते हैं। इससे आपको तत्काल आराम मिलेगा, क्योंकि गर्म तासीर का होने के कारण मांसपेशियों की प्राकृतिक सिकाई होती है और मांसपेशियां नरम पड़ जाती है। जिससे मरीज को तत्काल आराम मिलता है। धतूरे के रस को तिल के तेल के साथ मिलाकर लगाने से भी मरीज को फायदा होता है। हालांकि, उसे थोड़ा गर्म कर लेना भी फायदेमंद होता है।

Disclaimer : धतूरे में कुछ जहरीले तत्व भी होते हैं, इसलिए इसे खाने में बिल्कुल भी उपयोग में नहीं लाना चाहिए। वहीं, किसी भी घरेलू उपचार से पहले एक बार किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

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