सालाना स्वतंत्रता दिवस पर पतंग क्यों उड़ाए जाते हैं?

इस साल देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इसके लिए तैयारियां लगभग समाप्त हो गई हैं। ध्वजारोहण पर देश भर में पतंग उड़ाने की भी परंपरा है।

हम सभी पूरी तरह से इस साल 77वें स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए तैयार हैं। इस दिन देश भर में राष्ट्रगान गूंजता है, और आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे उड़ती हैं। हर साल स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाना एक पुरानी परंपरा है। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद, हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले के लाहौरी गेट पर पहली बार भारतीय झंडा फहराया।

हर साल इस दिन देशभर में तिरंगा फहराया जाता है। हम सब स्वतंत्रता दिवस पर झंडे फहराने का इतिहास जानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दिन पतंग क्यों फहराए जाते हैं? अगर आप अभी भी इसकी वजह नहीं जानते हैं, तो आज हम आपको 15 अगस्त को हर साल पतंग उड़ाने की वजह बताएंगे-

पतंग क्यों उड़ाए जाते हैं?

दिल्ली, लखनऊ, बरेली और मुूरादाबाद में स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाना आम है। स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाना एक ऐतिहासिक घटना है। वास्तव में, 1927 में देश भर में साइमन कमीशन का विरोध हुआ और स्वतंत्रता सैनानियों ने “साइमन वापस जाओ” के नारे लगाए।

आजादी का इतिहास

उस समय यह प्रदर्शन इतना लोकप्रिय हुआ कि लोग इस नारे को पतंगों पर लिखकर आसमान में उड़ाने लगे। समय के साथ, पतंगें औपनिवेशिक शासन का विरोध करने का एक साधन बन गईं। तब से, स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाना भारत का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया, जो आज भी बहुत लोकप्रिय है। ज्यादातर लोग स्वतंत्रता दिवस पर छतों और छज्जों पर पतंगे उड़ाते हैं, जिससे वे अपना आभार व्यक्त करते हैं और अपनी स्वतंत्रता और देशभक्ति का जश्न मनाते हैं।

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