Ms Dhoni Special : धोनी दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान जिसने ICC की तीन ट्रॉफी की अपने नाम

भारतीय टीम के पूर्व महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट टीम से रिटायरमेंट ले ली है। महेंद्र सिंह धोनी के रिटायर होते ही सोशल मीडिया पर फैंस इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी के फैंस टीम इंडिया से उनकी विदाई पर बेहद नाराज हैं और बहुत मायूस भी। धोनी सिर्फ एक धुआंधार बल्लेबाज ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन कप्तान थे। उन्होंने भारतीय टीम को 3 आईसीसी ट्रॉफी दिलवाई जो आज तक दुनिया का कोई भी कप्तान नहीं कर सका। वह सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी ही हैं जिन्होंने भारत को यह उपलब्धि हासिल कर पाई और इकलौते ऐसे कप्तान बने जिसमें आईसीसी की तीन बड़ी ट्रॉफी पर अपना कब्जा जमाया म

आईसीसी T20 वर्ल्ड कप 2007

यह शुरुआत थी टी20 वर्ल्ड कप से। जब महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान चुना गया था जिसके बाद 2007 t20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने धोनी की कप्तानी में t20 वर्ल्ड कप जीता। महेंद्र सिंह धोनी के कई फैसले इस वर्ल्ड कप में चौंका देने वाले थे। जिसने हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया था। ऐसे फैसले जो शायद कोई भी दूसरा कप्तान नहीं लेता ऐसे फैसले महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 के वर्ल्ड कप में लिए थे। पूरी दुनिया जानती है कि महेंद्र सिंह धोनी ने t20 वर्ल्ड कप के आखिरी मुकाबले का अंतिम ओवर जोगिंदर शर्मा को दिया। जोगिंदर शर्मा उस समय भारतीय टीम में नए थे। आखरी t20 वर्ल्ड कप फाइनल में जोगिंदर शर्मा ने गेंदबाजी भी बहुत अच्छी नहीं की थी और पाकिस्तान के बल्लेबाज उनकी गेंद पर अच्छे रन बना रहे थे। बावजूद इसके धोनी ने इस गेंदबाज पर विश्वास दिखाते हुए आखिरी ओवर दिया और नतीजा वह आया जो हर किसी का सपना होता है। भारत ने पहला आईसीसी t20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी यहीं से शुरू हुई इसके बाद भारत ने कई ट्रॉफी अपने नाम की।

आईसीसी एक दिवसीय वर्ल्ड कप 2011

समय था आईसीसी विश्व कप 2011 का। भारत मेजबान देश था और इस वर्ल्ड कप को जीतने का हर किसी का सपना था। पूरी भारतीय टीम महान सचिन तेंदुलकर के लिए यह वर्ल्ड कप जीतना चाहती थी। कप्तान थे महेंद्र सिंह धोनी। 2007 के वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम ने सबको चौंकाते हुए वह वर्ल्ड कप जीता। लेकिन 2011 के विश्व कप में हर किसी को भारतीय टीम से काफी उम्मीदें थी। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम आग उगल रही थी। सबको विश्वास था कि धोनी की यह टीम अगर बेहतरीन खेल दिखाती है तो वर्ल्ड कप हमारे नाम हो सकता है। इस पूरे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम चैंपियंस की तरह खेली। वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम ने इंग्लैंड के छात्रों और साउथ अफ्रीका के साथ हार झेली थी बावजूद इसके भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची और फाइनल मुकाबला था भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका। श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन संगकारा जैसे बेहतरीन खिलाड़ी जो विश्व कप जीतना चाहते थे और वह इसके कड़े दावेदार भी थे। लेकिन धोनी ने इस वर्ल्ड कप के दौरान भी कई ऐसे फैसले लिए जिसने सबको चौंकाया। फाइनल मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी युवराज सिंह की जगह खुद बल्लेबाजी करने आए। भारतीय टीम खतरे में थी। हर किसी को उम्मीद थी कि तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने भारत के 2011 में सबसे सफल बल्लेबाज युवराज सिंह आएंगे। युवराज सिंह ने इस वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम से सबसे ज्यादा रन बनाएं। वह भारत के लिए लगातार रन बना रहे थे हर किसी को उम्मीद थी युवराज सिंह तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए खुद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उन्होंने 91 रन की नाबाद पारी खेली और अंत में युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी की नाबाद पारियों की बदौलत भारत के नाम रहा और सचिन का सपना पूरा हुआ।

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013

2011 वर्ल्ड कप की जीत के बाद 2013 में होनी थी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी। भारतीय टीम इस ट्रॉफी को जीतना चाहती थी। इस पूरे टूर्नामेंट में सबसे बेहतरीन टीमों में से एक मेजबान इंग्लैंड भी थी जो कि भारतीय टीम के साथ फाइनल तक पहुंची थी। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे थे और इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम एक भी मुकाबला नहीं हारी। जी हां आईसीसी का ऐसा टूर्नामेंट जिसमें टीम को हार का सामना ही नहीं करना पड़ा महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की बदौलत भारतीय टीम ने यह ट्रॉफी अपने नाम की थी। हालांकि यह बिल्कुल आसान काम नहीं था क्योंकि इंग्लैंड एक बेहतरीन टीम बन चुकी थी और भारतीय टीम पर दबाव भी बना रही थी। इस मुकाबले भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने फिर चौंकाने वाले फैसले किए और फिर टीम इंडिया को जीत मिली। महेंद्र सिंह धोनी ने इशांत शर्मा को गेंदबाजी थमाई थी और उस मुकाबले में इशांत शर्मा बहुत शानदार गेंदबाजी नहीं कर रहे थे बावजूद इसके महेंद्र सिंह धोनी ने इशांत शर्मा में विश्वास दिखाया और ईशांत शर्मा ने वह कर दिया जिसने महेंद्र सिंह धोनी को इकलौता ऐसा कप्तान बना दिया जिसने आईसीसी की टीम ट्रॉफी अपने नाम की है। भारतीय टीम ने यह मुकाबला 5 रन से जीता।

महेंद्र सिंह धोनी का पूरा करियर उनके चौकानेवाले फैसलों से भरा रहा। 2007 का t20 वर्ल्ड कप हो, एक दिवसीय वर्ल्ड कप 2011 या 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी सभी में महेंद्र सिंह धोनी ने अपने फैसलों से पूरी दुनिया को चौंकाया लेकिन इन फैसलों की बदौलत भारतीय टीम ने बड़े बड़े मुकाम हासिल किए जो हमेशा से ही भारत चाहता था। धोनी बहुत शांत कप्तान थे। हर कोई जानता है कि वह भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक है। देखा जाए तो महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसे कारनामे किए हैं जो किसी दूसरे कप्तान ने नहीं किए।

 

रिपोर्ट – चेतन कुमार

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