गर्भावस्था में बहुत ज़रूरी है आयरन, ऐसे करें पूर्ति

गर्भावस्था के दौरान महिला को काफी चीज़ों का ध्यान रखने की हिदायत दी जाती है। इसमें ख़ासतौर पर महिला को खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा ज़्यादा रखने की हिदायत दी जाती है। क्योंकि गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया) सबसे आम है। एनीमिया की वजह से शरीर को ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा नहीं मिल पाती। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने की मुख्य वजह शरीर में आयरन की कमी होना भी है।

खासकर भारतीय महिलाओं में गर्भावस्था से पहले भी आयरन की कमी मिलती है। जानकारी के अनुसार, भारत में 10 में से छह गर्भवती महिलाओं में आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है। जबकि गर्भावस्था में महिलाओं को सामान्य से अधिक आयरन और हीमोग्लोबिन की आवश्यकता होती है। क्योंकि इस समय महिला के शरीर में अपने अलावा शिशु के लिए भी खून का निर्माण होता है। पूरे गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर को सामान्य से 760 मिलीग्राम अधिक आयरन की आवश्यकता होती है। आयरन शिशु के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वहीँ महिला को खून की कमी और संक्रमण से सुरक्षित करता है। हालाँकि खून में आयरन की कमी के चलते गर्भावस्था में महिलाओं को आयरन टेबलेट खानी पड़ती है।

साधारणत या गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन की मात्रा पूरी रखने के लिए महिलाओं को खान-पान पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। कब्ज की स्थिति में साबुत अनाज, फल और फाइबर युक्त सब्जियों सेवन करना चाहिए। सात्विक आहार में दाल, हरे पत्तीदार सब्जियां, फलियां, मेवा और अनाज में भरपूर आयरन पाया जाता है। इसके अलावा टमाटर, सिंहफली, मशरूम, चुकंदर, हरी गोभी, सूतमूली, कद्दू, शकरकंदी और कमल ककड़ी जैसे आयरन से भरपूर भोजन भी गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक हैं। वहीँ, माँसाहारी भोजन में स्किनलेश चिकन, मछली, अच्छी तरह से पके अंडे आयरन के अच्छे स्रोत हैं।

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