आज का इतिहास:76 साल का हुआ यूनाइटेड नेशंस;

दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनियाभर के देशों में शांति और सुरक्षा बढ़ाने के लिए की गई थी इसकी स्थापना

देशों के बीच सीमा विवाद से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुड़ा कोई मुद्दा, हर समस्या का समाधान यूनाइटेड नेशंस (UN) के पास है। 24 अक्टूबर 1945 को बना UN आज 76 साल का हो रहा है।

दरअसल, 1910 और 1950 के बीच ही दुनिया ने दो विश्वयुद्ध की भीषण त्रासदी को देखा था। हजारों लोगों की मौत हुई और देशों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। 1945 में जब द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हुआ तब दुनियाभर के देशों ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से एक संगठन बनाने की तैयारी की।

साल 1945 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन की एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। ये कॉन्फ्रेंस 25 अप्रैल से 26 जून तक चली और 50 देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें हिस्सा लिया। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य देशों के बीच शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना था।

इस कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन एक चार्टर पर दस्तखत किए गए और 24 अक्टूबर 1945 से ये चार्टर लागू हो गया। यही संगठन आगे चलकर यूनाइटेड नेशंस नाम से जाना गया। 24 अक्टूबर 1945 के दिन यूनाइटेड नेशंस का चार्टर लागू हुआ था इसलिए 24 अक्टूबर को यूनाइटेड नेशन का स्थापना दिवस मनाया जाता है।

यूनाइटेड नेशन दुनियाभर के कई देशों में मानवाधिकारों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग प्रोग्राम चलाता है।

UN के मुख्य अंग हैं- जनरल असेंबली, सिक्योरिटी काउंसिल, इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल, ट्रस्टीशिप काउंसिल, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस और यूएन सेक्रेटेरिएट। यह सभी UN के साथ ही 1945 में बने थे।

आज UN का हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क में है। इसके 193 सदस्य देश हैं। देशों के स्वतंत्र होने और पूर्व सोवियत संघ के टूटने के बाद सदस्य बढ़ते रहे। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाएं यूएन से जुड़ी हैं।

1946: अंतरिक्ष से पृथ्वी की पहली तस्वीर क्लिक की गई

24 अक्टूबर 1946 को अमेरिका के न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज से दागे गए रॉकेट ने जमीन से 105 किमी ऊपर यह तस्वीर ली थी। यह रॉकेट जर्मन V2 था, जिसे दूसरे विश्वयुद्ध के खत्म होने पर अमेरिका ने उससे छीन लिया था। नाजी रॉकेट प्रोग्राम के सैकड़ों वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने अमेरिकी और रूसी अंतरिक्ष प्रोग्राम्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अतंरिक्ष से ली गई ये धरती की पहली तस्वीर है।

युद्ध के दौरान V2 रॉकेट ने लंदन और अन्य शहरों पर दहशत बरसाई थी, लेकिन शांतिकाल में इसकी विस्फोटक सामग्री को निकालकर उसकी जगह साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लगाए गए थे। इसमें 35mm मोशन-पिक्चर कैमरा लगा था, जो हर डेढ़ सेकंड में एक तस्वीर खींच रहा था।

2005: अमेरिका में ‘मदर ऑफ सिविल राइट्स मूवमेंट’ का निधन

अफ्रीकी-अमेरिकी सिविल राइट्स एक्टिविस्ट रोजा पार्क्स ने 1955 में एक गोरे को बस में सीट देने से इनकार कर दिया था और यह अमेरिका में सिविल राइट्स मूवमेंट की चिंगारी बना था। 1 दिसंबर 1955 को उन्हें शहर के नस्लभेदी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया।

नस्लभेदी कानून के तहत गिरफ्तारी के दौरान रोजा पार्क्स।

इसके बाद मार्टिन लूथर किंग के नेतृत्व में एक पब्लिक मूवमेंट शुरू हुआ, जिससे न केवल अमेरिका में नस्लभेदी कानूनों को रद्द करना पड़ा, बल्कि मार्टिन लूथर किंग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोहरत हासिल की। इस सफल कैम्पेन की चिंगारी बनने के लिए रोजा पार्क्स को मदर ऑफ द सिविल राइट्स मूवमेंट भी कहा जाता है। 2005 में 24 अक्टूबर को रोजा पार्क्स की 92 वर्ष की उम्र में मौत हो गई।

24 अक्टूबर के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2004ः ब्राजील ने अंतरिक्ष में पहला सफल रॉकेट परीक्षण किया।

1975ः बंधुआ मजदूर प्रथा को समाप्त करने के लिए अध्यादेश लाया गया और अगले दिन से यह प्रभाव में आया।

1915ः अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में 25 हजार महिलाओं ने मतदान के ​अधिकार के लिए प्रदर्शन किया।

1912ः प्रथम बाल्कन युद्ध-सर्बियाई सेनाओं ने वरदार मैसेडोनिया में कुमानोवो की लड़ाई में तुर्क सेना को हराया।

1861ः कैलिफोर्निया के जस्टिस स्टीफन जे फील्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति लिंकन को पहला अंतरमहाद्वीपीय टेलीग्राफ संदेश भेजा।

1856: दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया ने संविधान को मान्यता दी।

1851: कलकत्ता और डायमंड हार्बर के बीच पहली टेलीग्राफ लाइन शुरू हुई।

1605: मुगल शासक जहांगीर ने आगरा में गद्दी संभाली।

1579: जुसुइट पादरी एसजे थामस भारत आने वाले पहले अंग्रेज थे। वह पुर्तगाली नौका से गोवा पहुंचे।

1577: चौथे सिख गुरु रामदास ने अमृतसर शहर की स्थापना की, शहर का नाम तालाब अमृत सरोवर के नाम पर रखा गया।

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