G-20 देशों में बेहतर होगी भारत की स्तिथि, RBI गवर्नर ने कहा covid 19 से दुनिया को होगा 9 ट्रिलियन का नुकसान

कोरोना वायरस महामारी संकट की वजह से देश में चल रहे लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में इकोनॉमी को वापस पटरी पर लाने के लिए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास  ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि RBI कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है। इस तरह के माहौल से RBI करीब से निगरानी कर रहा है । 2020 ग्लोबल इकोनॉमी के लिए सबसे बड़ी मंदी का साल है। G-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर रहेगी। इन सब के बीच बैंकिंग कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिशे जारी है। कोरोना वायरस का असर IIP पर असर फरवरी आंकड़ों के बाद दिखेगा।

आपको बता दें कि इससे पहले मोदी सरकार ने कोरोना के कहर से अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया था।

वहीं कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कई राहत का ऐलान किया है। रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। अब रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75% हो गया है। रिवर्स रेपो रेट में कटौती से बैंकों को फायदा होगा। बैंकों को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं होगी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड 19 से छोटे और मध्यम आकार के कॉरपोरेट को नकदी की काफी दिक्कत हुई, इसलिए टीएलटीआरओ 2.0 का ऐलान किया जा रहा है। 50,000 करोड़ रुपये से शुरुआत की जा रही है। इसके बाद हालात का आकलन कर इसे और बढ़ाया जाए । टीएलटीआरो 2.0 के तहत 50 फीसदी टोटल एमाउंट छोटे, मध्यम आकार के कॉरपोरेट, एमएफआई, एनबीएफसी को जाएगा। इसके लिए अधिसूचना आज ही आएगी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी की भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों और एनबीएफसी आदि के कर्ज प्रवाह के लिए महत्वपूर्ण है। कोविड 19 के दौर में इन संस्थाओं को बाजार से कर्ज मिलने में मुश्किल है, इसलिए नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी को 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रीफाइनेंसिंग की सुविधा दी जा रही है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार कहा कि आईएमएफ ने इस हालात को ग्रेट लॉक डाउन कहा है और दुनिया को 9 ट्रिलयन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। भारत कुछ देशों में है जहां 1.9 फीसदी का पॉजिटिव ग्रोथ होगा, यह जी—20 देशों का सबसे तेज ग्रोथ होगा।

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