शिवपाल को भाजपा में शामिल होने का सुझाव किसने दिया!

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी में कलह जारी है। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से चाचा शिवपाल यादव में सबकुछ ठीक नहीं चला रहा है। ऐसे में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी में कलह जारी है। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से चाचा शिवपाल यादव में सबकुछ ठीक नहीं चला रहा है। ऐसे में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव ने शिवपाल को भाजपा में शामिल होने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि सपा समाप्ती के कगार पर है। शिवपाल यादव का सैफई के एक शकुनी और अखिलेश यादव ने बहुत अपमान किया है।

 

पूर्व विधायक हरिओम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने शिवपाल को लेकर कहा, ” शिवपाल यादव प्रदेश के बड़े नेता हैं। प्रदेश की जनता उनका काफी सम्मान करती है। समाजवादी पार्टी में उन्होंने बहुत अपमान झेल लिया है। सैफेई का एक शकुनि और अखिलेश जी मिलकर उनका लगातार अपमानित कर रहे हैं। दोनों पार्टी को खत्म कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी खत्म होने के कगार पर है।”

हरियोम यादव ने शिवपाल यादव को भाजपा में शामिल होने का सुझाव देते हुए कहा, ” जनता ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को पसंद किया है। माननीय योगी जी और मोदी जी की सरकार को पसंद किया है और 22 के चुनाव में मुहर भी लगा दी है। जब जनता पसंद कर रही है तो माननीय शिवपाल यादव जी को हमारा सुझाव है कि भाजपा में शामिल होकर मोदी जी और योगी जी के हाथों को मजबूत करें। “

क्या हरिओम यादव- मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के बेटे रणवीर यादव की शादी हरिओम यादव के भाई राम प्रकाश नेहरू की बेटी मृदुला यादव से हुई है। वह सैफाई की ब्लॉक प्रमुख और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव की माता है। हरिओम यादव एक बार शिकोहाबाद और दो बार सिरसागंज से विधायक रहे हैं। उन्हें शिवपाल की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर सपा से निष्कासित कर दिया गया था। इसी साल जनवरी में वह भाजपा में शामिल हुए।

  1. शिवपाल का ट्वीट- भाजपा में शामिल होने अटकलों के बीच शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट किया, “प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥ आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजा॥भगवान राम का चरित्र ‘परिवार, संस्कार और राष्ट्र’ निर्माण की सर्वोत्तम पाठशाला है। चैत्र नवरात्रि आस्था के साथ ही प्रभु राम के आदर्श से जुड़ने व उसे गुनने का भी क्षण है।”

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