भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की याचिका पर निर्वाचन आयोग को नोटिस

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की उनकी पार्टी के खिलाफ आपत्तियों को आमंत्रित करने की समय सीमा 30 दिन से घटाकर 7 दिन करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। जस्टिस जयंत नाथ ने 20 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
चंद्रशेखर आजाद अपनी नई पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने निर्वाचन आयोग में आवेदन कर रखा है। आजाद ने बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव की वजह से वे आपत्तियों को आमंत्रित करने की समय सीमा 30 से घटाकर 7 दिन करने की मांग की है। सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा कि किसी भी पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए आपत्तियों को आमंत्रित करने की समय 30 दिन अनिवार्य होती है। निर्वाचन आयोग ने इस मामले में अपना विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की।
सुनवाई के दौरान आजाद की ओर से कहा गया कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव और दूसरे राज्यों के उप-चुनावों में गंभीरता से चुनाव लड़ना चाहती है। लेकिन अगर आपत्तियों को आमंत्रित करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया तो वे बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। आजाद की ओर से कहा गया कि उन्होंने 16 मार्च को निर्वाचन आयोग को पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया था। उसके बाद निर्वाचन आयोग ने आवेदन में कुछ त्रुटियां पाईं, जिन्हें 13 अगस्त तक ठीक कर दिया गया।
निर्वाचन आयोग ने आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 25 सितम्बर को हिंदी के अखबारों में जबकि 26 सितम्बर को अंग्रेजी के अखबारों में नोटिस जारी किया। लेकिन निर्वाचन आयोग ने 25 सितम्बर को बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी। आजाद ने अपनी याचिका में कहा है कि वे बिहार विधानसभा चुनाव का नामांकन शुरू होने से पहले अपनी पार्टी का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं ताकि उन्हें एक सिंबल मिल सके।

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