बिहार के गोपालगंज में डेंगू का कहर 300 से ज्यादा मरीज पहचान में

बिहार के गोपालगंज में मानसून के बाद से ही डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। गोपालगंज के मीरगंज में 300 से ज्यादा डेंगू के मरीजों की पहचान हो चुकी है। अकेले गोपालगंज के वार्ड नम्बर 13 में डेंगू के करीब तीन दर्जन नए मामले सामने आए हैं। वहीँ, जिले में डेंगू से करीब 9 लोगों की मौत (Death) हो चुकी है। इसके साथ ही डेंगू अब गोपालगंज के शहरी क्षेत्र में भी तेजी से पांव पसार रहा है।

गोपालगंज शहर के सरेया वार्ड नम्बर-13 में करीब 33 नए डेंगू के मरीज मिले हैं। इनमें से आधा दर्जन लोगों का प्लेटलेट्स खतरनाक लेबल पर आया गया है, जिन्हें गोरखपुर (Gorakhpur) के अलग-अलग निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है। वार्ड-13 के डेंगू पीड़ित दीनानाथ प्रसाद बताते हैं कि उनका प्लेटलेट्स का स्तर 49 हजार से पहुच गया था, लेकिन अब पहले से राहत है।

सरकार के दावों को जनता ने नकारा

गौरतलब है कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि डेंगू से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। सीएस डॉ नंदकिशोर प्रसाद ने कहा है कि उचकागांव और मीरगंज प्रखंड के अलावा गोपालगंज शहरी क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप बढ़ा है। उससे बचाव के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि जो भी मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है। कुछ मरीजों का एलिसा टेस्ट के लिए बाहर रेफर किया जा रहा है। सीएस ने कहा कि सभी प्रभावित इलाकों में पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। लोगों को सचेत रहने की सलाह दी जा रही है।

लेकिन असलियत कुछ और ही बयान दे रही है। डेंगू पीड़ित दीनानाथ प्रसाद ने आरोप लगाया है कि नगरपरिषद की ओर से अब तक कोई छिड़काव नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी उनकी कोई जांच नहीं की गई। उनकी तरह इस मोहल्ले में करीब 25 से 30 लोग डेंगू से पीड़ित हैं, लेकिन किसी को भी स्वास्थ्य विभाग से कोई मेडिकल सहायता नहीं मिली है। वहीँ वार्ड-13 के ही 30 वर्षीय आशीष कुमार का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सदर अस्पताल में बनाया गया डेंगू वार्ड कारगर नहीं है।

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