जिला पंचायत चुनाव: अखिलेश यादव के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार, कही ये बात

लखनऊ. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव (Zila Panchayat Adhyaksh Chunav) में बीजेपी (BJP) की बंपर जीत और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए. जिस पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा कि घुड़की और धमकी पर उतरे सपा प्रमुख लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करे. उन्होंने कहा कि जब वो इटावा में निर्विरोध जीतते है और आज़मगढ़ में बीजेपी के 11 में से 6 सदस्यों का समर्थन लेते हैं तो उसको लोकतंत्र बताते हैं. वहीं जब कानपुर में 11 में से 6 चले जाते हैं तो उसे लोकतांत्रिक मान्यताओं का तिरस्कार बताते हैं. आज़मगढ़ जीतते हैं तो उनके उम्मीदवार निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रशासन को धन्यवाद देते हैं, वही जब कड़े संघर्ष में औरैया में हार जाते हैं तो प्रशासन पर आरोप लगा पूरे तंत्र पर ही सवाल उठाते हैं. सपा मुखिया का अफसरों को खुले तौर पर धमकाने का निर्वाचन आयोग को संज्ञान लेना चाहिए.

गौरतलब है कि अपने लिखित बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता का ऐसा बदरंग चेहरा कभी नहीं देखा गया. के चुनाव में आज सत्तारूढ़ दल ने सभी लोकतांत्रिक मान्यताओं का तिरस्कार कर दिया. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को एक मजाक बना दिया गया. बीजेपी ने अपनी हार को जीत में बदलने के लिए मतदाताओं का अपहरण किया. मतदान से रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन के सहारे बल प्रयोग किया. जबरदस्ती हेल्पर देकर अपने पक्ष में मतदान करा लिया गया. बीजेपी की धांधली का विरोध करने पर समाजवादी कार्यकर्ताओं से दुर्व्यवहार किया गया. अखिलेश ने कहा कि
ऐसा लग रहा था जैसे जनादेश के अपहरण के किए बीजेपी सरकार नंगा नाच करने पर उतारू है.

उधर सपा प्रमुख के आरोप पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अखिलेश यादव का काम ही आरोप लगाना है. उन्होंने कहा कि 2022 में भी जनता यही करने है. अब सपा की गुंडई की वापसी जनता नहीं होने देगी. गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी को 67, समाजवादी पार्टी को 6 और अन्य को दो सीटों पर सफलता मिली.

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