बिना माफी सद्धू से मिले कैप्टन; कांग्रेस भवन में दोनों साथ बैठे पर बात नहीं की

आखिरकार 126 दिन बाद कैप्टन और सिद्धू की मुलाकात हो ही गई। पंजाब भवन में कांग्रेस के नए प्रधान सिद्धू ने कैप्टन को देखकर पहले तो नजरें फेर लीं और आगे बढ़ गए। पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू को आवाज देकर वापस बुलाया और अमरिंदर सिंह से मुलाकात कराई। कैप्टन ने सिद्धू को पास आकर बैठने को कहा तो वह कांग्रेस भवन के कार्यक्रम में लेट होने की बात कहने लगे। कई बार कहने पर सिद्धू उनके पास आकर बैठे। इससे पहले सिद्धू 18 मार्च को कैप्टन के सिसवां फार्म हाउस पर उनसे मिले थे। इस दौरान दोनों की करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई थी।

लगातार ट्वीट करके पंजाब सरकार का विरोध कर रहे सिद्धू से कैप्टन अमरिंदर सिंह नाराज थे। उन्हें पार्टी का पंजाब प्रधान बनाए जाने के बाद कैप्टन ने साफ कर दिया था कि जब तक सिद्धू उनसे माफी नहीं मांगते, वह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे। लेकिन, पंजाब भवन में दोनों की मुलाकात भी हुई, जबकि सिद्धू ने सार्वजनिक तौर पर कैप्टन से माफी नहीं मांगी है। कार्यक्रम में सभी ने अमरिंदर के पैर छुए, लेकिन सिद्धू ने नहीं छुए।

अगल-बलग बैठे, तिरछी नजरों से एक-दूसरे को देखा, पर बोले नहीं
पंजाब भवन से कांग्रेस भवन पहुंचे कैप्टन मंच पर नवजोत सिद्धू के बगल वाली सीट पर बैठे। यहां मंच पर पूर्व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्‌ठल, कैप्टन की पत्नी परनीत कौर भी थीं। सिद्धू और कैप्टन एक साथ अगल-बगल में बैठे, लेकिन बातचीत नहीं की। सिद्धू की ताजपोशी कार्यक्रम के बाद कैप्टन फिरोजपुर जिले के कस्बा जीरा जाएंगे। यहां वह मोगा में हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिजन से मिलेंगे।

गुरुवार को चंडीगढ़ आना था, ऐन मौके पर बदला कार्यक्रम
ताजपोशी के लिए सिद्धू चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं। उनका परिवार भी उनके साथ आया है। सिद्धू और उनका परिवार पटियाला स्थित आवास से चंडीगढ़ आया। गुरुवार को होली सिटी स्थित अपनी कोठी से निकलकर सिद्धू ने पहले शहर के दो बड़े नेताओं से मुलाकात की और उसके बाद पटियाला के लिए रवाना हो गए थे। वैसे सिद्धू को सीधा चंडीगढ़ जाना था, लेकिन ऐन मौके पर कार्यक्रम बदल गया।

कार्यक्रम में मेहमानों का आना जारी
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष केपी सिंह कार्यक्रम में पहुंच चुके हैं। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का आना भी जारी है। कांग्रेस भवन के बाहर कांग्रेस और सिद्धू समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ है। हर कोई अपने-अपने तरीके से सिद्धू को शुभकामनाएं और आशीर्वाद दे रहा है।

इन नेताओं को बुलाया गया है

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने समारोह में शामिल होने के लिए सिद्धू का आमंत्रण पत्र स्वीकार कर लिया है। समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शिरकत कर सकती हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, हिमाचल से कुलदीप सिंह और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भी निमंत्रण भेजा गया है।

कड़े सुरक्षा इंतजाम
पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान के पद पर नवजोत सिद्धू की ताजपोशी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के मंत्री, सांसद, विधायक, नेता और कार्यकर्ता चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। ऐसे में मेहमानों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कांग्रेस भवन के आसपास चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। खुद SSP कुलदीप सिंह चहल मौके पर मौजूद रहेंगे। माहौल को देखते हुए चंडीगढ़ में धारा 144 लगा दी गई है।

सिद्धू जब तक माफी नहीं मांगते, व्यक्तिगत तौर पर नहीं मिलूंगा
CMO के सूत्रों के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक में साफ कहा कि जब तक सिद्धू माफी नहीं मांगते, तब तक निजी तौर पर वे उनसे मुलाकात नहीं करेंगे। ताजपोशी पार्टी का कार्यक्रम है। मैं कांग्रेसी हूं, इसलिए जाऊंगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैप्टन और सिद्धू के बीच में छिड़ी जंग के दूर होने के आसार तो दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कैप्टन माफी मंगवाने पर अड़े हैं। बता दें कि गुरुवार को नए कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा और संगत सिंह गिलजियां ने कैप्टन से मिलकर उन्हें कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण पत्र दिया था। इस पत्र पर चारों कार्यकारी अध्यक्षों के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू के भी हस्ताक्षर थे।

सिद्धू ने दरकिनार किए हाईकमान के पहले आदेश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी होने से पहले ही हाईकमान के आदेशों को नवजोत सिद्धू ने दरकिनार कर दिया। गुरुवार को सभी राज्यों में कांग्रेस की ओर से पैगासस जासूसी मामले में राज्यपालों को ज्ञापन देने के लिए प्रदर्शन करना था, लेकिन पंजाब में कोई प्रदर्शन नहीं किया गया। बताया जाता है कि सिद्धू ने व्यस्तता का हवाला देकर प्रदर्शन करने में असर्मथता जताई।

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