…और मुसलमानों के मुद्दे पर यूँ भिड़ गए चीन अमेरिका!

उइगुर (Uighur) और चीन के शिनजियांग प्रांत के मुस्लिमों को हिरासत केंद्र में रखे जाने को लेकर अमेरिका ने चीनी अधिकारियों के वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबन्ध का चीन ने कड़ा विरोध किया है। चीनी दूतावास ने अमेरिकी सरकार के इस फैसले को चीन के आंतरिक मामले में दखल बताया। साथ ही वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने इस फैसले पर ऐतराज जताते हुए ट्रंप प्रशासन को पहले अपनी गलती सुधारने की नसीहत भी दी है।

चीनी दूतावास ने मंगलवार को वीज़ा प्रतिबंधों को लेकर सिलसिलेवार कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में लिखा था ‘अमेरिका का ये फैसला अंतरराष्ट्रीय संबंधों के नियमों का उल्लंघन है। अमेरिका ने न सिर्फ चीन के आंतरिक मामलों में दखल दिया है, बल्कि उसके हितों की भी अनदेखी की है। चीन अमेरिका के इस कदम की कड़े शब्दों में आलोचना करता है।’ एक अन्य ट्वीट में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने लिखा ‘शिनजियांग (Xinjiang) प्रांत में उइगुर और अन्य मुसलमानों के मानव अधिकार के हनन जैसा कुछ भी नहीं हो रहा। अमेरिका के दावे सरासर गलत और झूठे हैं।’

अमेरिका ने ट्वीट कर दी सूचना

गौरतलब है कि अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत में 10 लाख से अधिक मुसलमानों के साथ क्रूर और अमानवीय व्यवहार करने और उन्हें बलपूर्वक हिरासत में रखने का आरोप लगाया है। सोमवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनों के खिलाफ चीन कुछ भी बुरा करता है तो उसे इसका खामियाजा व्यापार वार्ता में उठाना पड़ेगा। इसके बाद अमेरिका ने चीन सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के खिलाफ वीजा संबंधी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘आज मैं चीनी सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के उन अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर रहा हूं, जो शिनजियांग प्रांत में उइगरों, कज़ाकों और अन्य मुसलमान अल्पसंख्यक समूहों को कैद कर उनके साथ क्रूर और अमानवीय व्यवहार करने के जिम्मेदार हैं।’ इन अधिकारियों और नेताओं के परिवार के सदस्यों की यात्रा पर भी बैन लागू होगा।

अमेरिका चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद कर दे

वहीँ चीन दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका का ये फैसला अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सामान्य नियमों का गंभीर रूप से उल्लंघन करता है और यह चीन के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप और चीन के हितों की अनदेखी करने वाला है। प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका के आरोप केवल इसके हमारे आंतरिक मामले में दखन करने के तहत लगाए गए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका तुरंत अपनी गलती सुधारते हुए अपना फैसला वापस ले और चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद कर दे।

पहले से ट्रेड वॉर की वजह से अमेरिका और चीन के बीच टकराव चल रहा है जो चीन के अधिकारियों पर वीजा संबंधी प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा के लिए दो दिन बाद वॉशिंगटन में बीजिंग का एक कारोबारी प्रतिनिधिदल बातचीत के लिए पहुंचने वाला है। इस वार्ता के दौरान चीनी अधिकारियों के वीज़ा प्रतिबंध का मुद्दा उठाए जाने की संभावना है। हालाँकि अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि नए प्रतिबंधों और वाणिज्य विभाग की कार्रवाई का व्यापार वार्ता से कोई लेना-देना नहीं है।

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