बेरोजगारी और मंदी भी युवाओं के तनाव का विशेष कारण

जालौन। आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल के संस्थापक रविशंकर द्वारा युवाओं को तनाव से उबारने के लिए ध्यान एवं सुदर्शन क्रिया सिखाने के लिए ऑनलाइन कार्यशालाएं चलाई जा रही हैं। वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते जहां सभी कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद है तथा बेरोजगारी और मंदी का भी दौर है। ऐसे में युवा वर्ग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और एक विशेष प्रकार के तनाव से गुजर रहा है। इसी क्रम में युवाओं के लिए चार दिवसीय ऑनलाइन ब्रीद एंड मेडिटेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में उरई निवासी योग शिक्षक तथा आर्ट ऑफ लिविंग के हैप्पीनेस फैकल्टी राजकुमार शर्मा तथा सोनभद्र के आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षक तपन अधिकारी ने युवाओं को विभिन्न प्रकार के तनाव के प्रबंधन के तरीके सिखाए। आर्ट ऑफ लिविंग के पूर्णकालिक शिक्षक मिर्जापुर निवासी बालकृष्ण यादव के निर्देशन में कार्यशाला विधिवत संचालित हुई। राजकुमार शर्मा ने कहा कि जहां एक और वर्तमान परिस्थितियों तनाव को बढ़ा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हमारी जीवनशैली भी तनाव को बनाने के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा आज युवा एक बार में कई कई कामों में अपना ध्यान लगाते हैं जिसकी वजह से कहीं से भी सफलता पूर्ण रूप से नहीं मिलती। लिहाजा जरूरी है कि जो भी काम करें उसे अपना पूरा शत प्रतिशत योगदान दें तभी सफलता मिलेगी। उन्होंने अपने अहंकार को छोड़कर सहज व्यवहार अपनाने पर भी जोर दिया। सोनभद्र के आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षक तपन अधिकारी ने योगिक क्रियाएं कराई और उनके माध्यम से तनाव को कैसे प्रबंधन के बारे में समझाया।

कहा कि इनके नियमित अभ्यास से हम अपने मन को अधिक शांत और प्रसन्न रख सकते हैं। विशेष रुप से युवाओं के लिए आयोजित इस कार्यशाला में जालौन, मिर्जापुर, सोनभद्र जनपद के प्रतिभागियों ने भागीदारी की।

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