राहुल गांधी की कांग्रेस अलग, मध्यप्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस अलग : शिवराज

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इमरती बहन पर टिप्पणी पर राहुल गांधी ने क्षमा मांगी, लेकिन कमलनाथ नहीं माने। क्या राहुल गांधी नासमझ हैं। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी की कांग्रेस अलग है और मध्यप्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस अलग है। कमलनाथ ने प्रदेश में कांग्रेस के सभी पद ले लिए हैं। वे मुख्यमंत्री रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी वे ही बन बैठे। और तो और अपने पुत्र नकुलनाथ को कांग्रेस में युवाओं का नेता बना लिया। इस तरह राज्य में बाकी कांग्रेस ‘अनाथ’ हो गयी है।

दरअसल, मध्यप्रदेश की दमोह विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी ने रविवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज एक ऐसी पार्टी बन गई है, जिसकी न दिशा है और न ही गति है। कांग्रेस के वो नेता जो अपने क्षेत्र का विकास चाहते हैं, वो कमलनाथ जी की नीतियों से आहत हैं। राज्य में कांग्रेस बिखर रही है। इस दल ने सरकार में रहकर विकास के कार्य नहीं किए। चुनाव के समय किए गए वचन भी पूरे नहीं किए। तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाएं रोक दीं। कोरोना रोकने के लिए कुछ नहीं किया। इन सभी कारणों से कांग्रेस से लोगों का मोहभंग हो रहा है, वे कांग्रेस तथा विधायक पद छोड़ रहे हैं। कमलनाथ को आत्मचिंतन करना चाहिए कि कांग्रेस दुर्गति को क्यों प्राप्त हो रही है?

मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल मुझे गाली देने से कुछ नहीं होगा। मुझे कभी नालायक कहा गया, तो कभी कहा गया कि मैं उनके पैरों की धूल नहीं हूं और एक ने तो भूखे नंगे तक कह दिया। हमलों से मुझे कोई अंतर नहीं पडऩे वाला। इससे न तो जनता का भला होगा और न ही कांग्रेस। कांग्रेस को विकास और जनस जनकल्याण की की बात करना चाहिए। उन्होंने राहुल सिंह लोधी का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि सरकार दमोह क्षेत्र का विकास करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वहां पर मेडिकल कॉलेज भी खोला जाएगा। वहां पर पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के नेतृत्व में भी विकास हुआ है।

कमलनाथ का पलटवार, कहा-भाजपा को संभावित करारी हार का अंदेशा है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के इस बयान को लेकर कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्यम से पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा कि भाजपा को पता है कि 10 नवम्बर को मतगणना के बाद क्या परिणाम आने वाले हैं। अपनी संभावित करारी हार का उन्हें अंदेशा है। उनकी सत्ता की हवस, तड़प और बौखलाहट साफ दिखायी दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा को लोकतंत्र, जनादेश और नैतिकता में विश्वास नहीं है। प्रदेश पर निरंतर उपचुनाव के बोझ डाले जा रहे हैं।’ उन्होंने एक बार फिर से जनता से अपील की है कि वे आगे आकर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करें।

कांग्रेस के अक्षम नेतृत्व का प्रमाण है विधायक का इस्तीफा : नरोत्तम मिश्रा
वहीं, कांग्रेस छोडक़र दमोह विधायक राहुल सिंह के भाजपा में शामिल होने के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि दमोह विधायक राहुल सिंह का त्याग पत्र कांग्रेस के अक्षम नेतृत्व का प्रमाण है। कांग्रेस नेता कमलनाथ प्रदेश में नए विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन वे पुराने विधायकों को भी नहीं संभाल पा रहे हैं। ये पार्टी के मुखिया के रूप में उनकी असफलता नहीं तो और क्या है?

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