प्रतापपुर : किसान बिल का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन,107 ट्रैक्टरों और 20 किलोमीटर लंबी रैली

रायपुर/प्रतापपुर। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में 107 ट्रैक्टरों और 20 किलोमीटर लंबी रैली के साथ केंद्र सरकार के किसान बिल का शनिवार को विरोध किया गया। जो छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष कुमार सिंह देव के नेतृत्व में निकाली गई रैली में जनप्रतिनिधि स्वयं ट्रैक्टर चलाते नजर आए। शक्कर कारखाना केरता से शुरू हुई रैली अनुविभागीय कार्यालय प्रतापपुर में आकर खत्म हुई। जहां बिल वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम नायब तहसीलदार ऋतुराज सिंह को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन के माध्यम से अध्यक्ष कुमार सिंह देव ने बताया कि बिल का विरोध केवल कांग्रेस ही नहीं वरन देश के किसान, खेत मजदूर, मंडी के आढ़ती, मंडी मजदूर, मुनीम, कर्मचारी, ट्रांसपोर्टर व लाखों करोड़ों लोग कर रहे हैं। इस बिल से अनाज मंडी-सब्जी मंडी को खत्म करने से कृषि उपज खरीद व्यवस्था पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। ऐसे में किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और न ही बाजार भाव के अनुसार फसल की कीमत मिलेगी। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में साल 2006 में अनाज मंडियों को खत्म कर दिया गया। जिस वजह से बिहार के किसान की हालत बद से बदतर है। किसान की फसल को दलाल औने-पौने दामों पर खरीदकर दूसरे प्रांतों की मंडियों में मुनाफा कमा रहे हैं। अगर पूरे देश की कृषि उपज मंडी व्यवस्था ही खत्म हो गई तो इससे सबसे बड़ा नुकसान किसान-खेत मजदूर को होगा ।

उन्होंने राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में किसानों के हित में बिल को वापस लेने की मांग की। साथ ही कहा कि अगर मोदी सरकार बिल वापस नहीं लेती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। रैली के दौरान कुमार सिंह देव के साथ अन्य जनप्रतिनिधि ट्रैक्टर चलाते नजर आए।

विरोध प्रदर्शन के दौरान उपस्थित किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विद्यासागर सिंह,सहकारिता मंत्री प्रतिनिधि जितेंद्र दुबे,ब्लॉक उपाध्यक्ष बनवारी लाल गुप्ता,सतीश चौबे,शिवभजन मरावी ने केंद्र सरकार के इस बिल को काला बिल बताते हुए वापस लेने की मांग की। केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यादेश के माध्यम से किसान को ठेका प्रथा में फंसाकर उसे अपनी ही जमीन में मजदूर बना दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने हाल ही में एक किसान बिल लाया है, जिसे किसानों के खिलाफ और उद्योगपतियों के पक्ष में बताते हुए कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया है, इसे वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किये जा रहे हैं।

Related Articles

Back to top button