हिमाचल सरकार एक हजार करोड़ रुपये का लेगी ऋण

शिमला। कर्ज के बोझ तले दबी हिमाचल की आर्थिकी को कोरोना से बड़ा झटका लगा है। आर्थिकी को पटरी पर लाने के प्रयासों के बीच राज्य सरकार ने विकास कार्यों के साथ-साथ प्रतिबद्ध दायित्वों का भुगतान करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का ऋण लेने का फैसला लिया है। इस ऋण को लेने के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना से साफ है कि सरकार ऋण राशि को छिपा कर नहीं ले रही।

बताया गया कि राज्य सरकार पांच सौ- पांच सौ करोड़ की दो किश्तों में ऋण लेगी। ऋण की रकम सरकार के खजाने में 28 अक्तूबर को आएगी। 500 करोड़ के पहले ऋण का भुगतान सरकार साढ़े 8 साल में 28 अप्रैल 2029 तक करेगी। 500 करोड़ की दूसरी किस्त का भुगतान अप्रैल 2030 तक किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल माह में 1120 करोड़ का ऋण लिया था। इसके बाद बीते जुलाई माह में 800 करोड़ का कर्ज भी सरकार ने लिया। प्रदेश सरकार की तरफ से पहले दिए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक राज्य पर 57,620 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ चुका है। बार-बार कर्ज लेने के बावजूद प्रदेश की विकास दर 7.3 फीसदी से गिरकर 5.6 फीसदी तक पहुंच गई है तथा कोरोना संकट के चलते इसमें और गिरावट आ सकती है।
कोरोना संकट के कारण वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में प्रदेश में कारोबार पूरी तरह से ठप रहने के कारण सरकार को 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। दूसरी तिमाही के बाद माली साल की तीसरी तिमाही में भी अर्थ व्यवस्था पटरी पर आती नजर नहीं आ रही है।

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