हरिद्वार : नई शिक्षा नीति से होने वाले बदलाव को लेकर भम्र में शिक्षक

हरिद्वार : नई शिक्षा नीति को लेकर देश में शिक्षा के स्वरूप में होने वाले परिवर्तन तथा इसके द्वारा बेहतर कल की संकल्पना को साकार करने के उद्देश्य को लेकर एक विश्वास का माहौल है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा की अनेक विधिक संस्थाओं का विलय तथा उनके स्थान पर नई संस्थाओं का गठन, कार्य क्षेत्र, अधिकार एवं उनकी कार्य प्रणाली जैसे ऐतिहासिक एवं बडे परिवर्तन किये जाने प्रस्तावित हैं। जिनको लेकर जुड़े शिक्षकों के मन में अनेक अनुत्तरित प्रश्न है, जिनका स्पष्ट होना जरूरी है। यह कहना है नई शिक्षा नीति के ब्रांड अम्बेसडर डाॅ. शिवकुमार चौहान का। जिनको नई शिक्षा नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार का दायित्व प्रदान किया गया है।

डाॅ. शिवकुमार का मानना है कि शिक्षकों के माध्यम से नई शिक्षा नीति को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकता है। इसके लिए संभावित बदलाव पर प्रत्येक स्तर पर व्यापक चर्चा किया जाना जरूरी है क्योंकि जब तक परिवर्तन लाने वाली मैन पावर ही भम्र की स्थिति में रहेगी तब तक बेहतर परिणाम प्राप्त किया जाना संभव नहीं है।

डाॅ. चौहान का कहना है कि इसके लिए प्रत्येक राज्य में प्रदेश सरकार के सहयोग से एक स्कूल, काॅलेज तथा विवि स्तर पर चर्चा करने के लिए क्वीक रेस्पाॅस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया जाना चाहिए। इसमें शिक्षा जगत के लोगों को सम्मिलित करते हुए संभावित परिवर्तनों पर स्थिति स्पष्ट करना जरूरी है। इससे सभी स्तर के छात्रों तक इसका लाभ प्रभावी ढंग से पहुंच सके।

Related Articles

Back to top button