इस जर्मन यूनिवर्सिटी की रिसर्च में हैरान करने वाला दावा आया सामने जानिए क्या?

ग्लोबल वार्मिंग को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है. इस बीच एक स्टडी रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा है कि साफ हवा से ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है. रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे खुले है

इस जर्मन यूनिवर्सिटी की रिसर्च में हैरान करने वाला दावा आया सामने जानिए क्या?

ग्लोबल वार्मिंग को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है. इस बीच एक स्टडी रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा है कि साफ हवा से ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है. रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे खुले है

ग्लोबल वार्मिंग : आज के दौर में पूरी दुनिया के लिए गंभीर समस्या बन गई है. इससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। स्टडीज में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन और मानवीय गतिविधियों की वजह से कार्बनडाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैसों (Green House Gases) के उत्सर्जन के प्रभाव से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ी है। लेकिन नए अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर हम अपनी हवा को साफ करेंगे तो उससे ग्लोबल वार्मिंग में और बड़ावा होता है।

ग्रीन हाउस गैसें भी हैं जरूरी
हम सभी जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन का कारण बनने वाली ग्रीनहाउस गैसें कोयले या गैसोलीन को जलाने पर निकलती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये गैसें भी सकारात्मक भूमिका निभाती हैं. वे वास्तव में एरोसोल (Aerosol) जैसे प्रदूषणकारी कणों को पकड़कर हमारे ग्रह को ठंडा रहने में मदद करती हैं जो सूरज की रोशनी को परावर्तित करके और कुछ गर्मी को नष्ट करके दुनिया को ठंडा करते हैं.

वायु प्रदूषण कम हो रहा, धरती का तापमान बढ़ रहा

हालि स्टडी रिपोर्ट में अध्ययन के दौरान, शोधकर्ताओं ने पाया कि विभिन्न उपग्रह अध्ययनों के आधार पर, जलवायु पर वैश्विक वायु प्रदूषण का प्रभाव साल 2000 के स्तर से 30 प्रतिशत कम हो गया था. इस तथ्य के बावजूद कि वायुजनित कण, या एरोसोल, प्रत्येक वर्ष कई मिलियन मौतों का कारण माने जाते हैं, उन्हें कम करना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी खबर है; लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के लिए यह बुरी खबर है. लोगों की जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता के कारण वायु प्रदूषण तो कम हो रहा है लेकिन इससे पृथ्वी का तापमान गर्म होता जा रहा है।

 

 

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