गीता कैसे सिखाती है जीवन का प्रबंधन

गीता कैसे सिखाती है जीवन का प्रबंधन

दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाले वाली भगवद गीता धर्म का ज्ञान ही नहीं देती, व्यक्ति को निजी और सामाजिक जीवन जीने की कला भी सिखाती है। आजकल मैनेजमेंट गुरू भी गीता के ज्ञान का प्रयोग कर रहे हैं। इसके माध्यम से लोग लाइफ स्टाइल प्रबंधन सीख रहे हैं। जब भी हम बाजार से कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदते हैं तो उसके साथ हमें मैनुअल मिलता है जो हमें उसके इस्तेमाल का तरीका सिखाता है। इसी प्रकार गीता भी हमारे लिये जीवन की मैनुअल है जो हमें जीवन की कला सिखाती है।

तो आइए समझते हैं कि गीता किस प्रकार हमें जीवन का मैनेजमेंट सिखाती हैः

1. गुस्से पर काबू – ‘क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि भ्रष्ट होती है। जब बुद्धि भ्रष्ट होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है और जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

2. देखने का नजरिया – ‘जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है।

3. मन पर नियंत्रण –  जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।

4. खुद का आकलन –  आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्दय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो, अनुशासित रहो।

5. विश्वास महत्वपूर्ण है – मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है, वैसा ही बन जाता है।

6. हर काम का फल मिलता है –  इस जीवन में ना कुछ खोता है, ना व्यर्थ होता है। हम जो काम करते हैं, उसके अनुरूप हमें फल मिलता है।

7. अभ्यास आवश्यक है –  मन चंचल है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।

8. विश्वास के साथ विचार –  व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।

9. अपना काम पहले करें –  किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।

10. काम में ढूंढें खुशी –  जब आप अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं, तब आप पूर्णता प्राप्त करते हैं।

11. भयभीत न हों – हम सब जानते हैं कि मृत्यु सत्य है फिर भी मरने से डरते हैं। इसलिए शरीर की सुंदरता पर ध्यान न देकर, आत्मिक सुंदरता को पहचानें।

12. चिंता मत करो – अपना सर्वोत्तम प्रयास करो। नकारात्मक या सकारात्मक जो भी होगा, उससे आपको सीख अवश्य मिलेगी

13. लालची मत बनो – सब कुछ पा लेने का लालच छोटी-छोटी खुशियों से दूर करता है। मृत्यु के बाद सब यहीं रह जाएगा।

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