नही रहे मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कैलाश चंद्र जोशी

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश चंद्र जोशी का रविवार दोपहर को निधन हो गया। 91 वर्षीय कैलाश जोशी करीब तीन साल से बीमार चल रहे थे। उन्होंने भोपाल के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर शोक जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे राजनीति के संत थे, उनके निधन के साथ ही एक युग का अंत हो गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की राजनीति को नई दिशा देने वाले, निर्धन और कमजोर की आवाज़, विनम्र एवं मृदुभाषी राजनेता, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के अवसान के साथ ही एक युग का अंत हो गया। उन्हें कोटि- कोटि प्रणाम, विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा कि अपनी वाणी से लोगों का दिल जीत लेने वाले प्रखर वक्ता स्व. कैलाश जोशी के प्रशासकीय गुणों के सभी प्रशंसक थे। हम सब उनके सपनों के वैभवशाली और समर्थ मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज मध्यप्रदेश ने अपने एक अनमोल रत्न को खो दिया है। गरीबों, वंचितों के उत्थान और कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन होम कर देने वाले श्री जोशी जी हमेशा प्रदेश की जनता के दिलों में रहेंगे।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि, जोशी सादा जीवन एवं उच्च विचार के राजनेता थे। जीवन पर्यंत वे मूल्य और सिद्धांतों के प्रति समर्पित रहे, कभी समझौता नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने इस दुखद घडी में उनके परिवार के साथ होने की बात कही।

वहीँ केंद्रीय रक्षा मंत्री ने उनके निधन पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि ‘भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी के निधन से मुझे गहरी वेदना की अनुभूति हुई है। वे कुशल प्रशासक एवं संगठनकर्ता थे। उन्होंने म. प्र. में संगठन को मज़बूत करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ।’

गौरतलब है कि गत सितम्बर उनकी पत्नी तारा देवी का भी देहांत हो गया था। बता दें कि कैलाश जोशी 1951 में स्थापित जनसंघ से संस्थापक सदस्य रहे थे। इसके बाद उन्होंने 1954 से 1960 तक देवास जिले में जनसंघ के मंत्री के तौर पर काम किया। 1955 में कैलाश जोशी हाटपीपल्या नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए। 1962 से लगातार सात बार बागली क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य चुने गए। कैलाश जोशी 1972 से 1977 तक मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष रहे थे।

आपातकाल के समय में एक माह भूमिगत रहने के बाद दिनांक 28 जुलाई, 1975 को विधान सभा के द्वार पर गिरफ्तार होकर 19 माह तक मीसा में नजरबंद रहे। 24 जून, 1977 को कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के इतिहास में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री हुए। हालांकि 1978 में अस्वस्थता के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया था। उनके बाद उनके बेटे दीपक जोशी भी बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

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