दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बोले पड़ोसी राज्यों का प्रवक्ता न बनें “केंद्र”, प्रदूषण के खिलाफ मिल कर करे काम

दिल्ली : राजधानी में वायु की गुणवत्ता का सूचकांक तेजी से गिरता जा रहा है। इसको देखते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय मिरर नाउ से बात करते हैं और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार की कार्ययोजना पर प्रकाश डालते रहते हैं। उन्होंने जीआरएपी जैसे विभिन्न नियंत्रण उपायों की बात की, एमसीडी ने मैकेनिकल स्वीपिंग के लिए निर्देशित किया, रात को कचरे के खुले जल को रोकने के लिए गश्त करने की भी बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने शहर में प्रदूषण को रोकने के लिए लाल बत्ती अभियान भी शुरू किया है।

 

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने वायु प्रदूषण के संबंध में राज्यों के साथ भेदभाव की नीति अपनाने को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) के प्रति नाराजगी भी जताई है। गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार पड़ोसी राज्यों का प्रवक्ता ना बने और प्रदूषण (Pollution) के खिलाफ मिलकर काम करें।

 

राय ने कहा कि दिल्ली सरकार की मांग है कि 7 दिन के अंदर एनसीआर के सारे थर्मल पावर प्लांट बंद किए जाएं और इस संबंध में सीपीसीबी और ईपीसीए को पत्र भी लिखा गया है। गोपाल राय ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने बयान दिया है कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से दिल्ली में केवल 4% तक प्रदूषण बढ़ता है, जबकि जैसे-जैसे पराली जलने के मामले बढ़ रहे हैं उसी अनुपात में दिल्ली का प्रदूषण भी बढ़ रहा है। गोपाल राय ने प्रेस वार्ता में कहा कि आसपास के राज्यों में पराली जलने की घटनाएं बढ़ने शुरू होते ही दिल्ली का AQI स्तर बढ़ जाता है।

 

उन्होंने कहा कि पंजाब के अंदर अगर पराली से धुआं पैदा हो रहा है तो उसके समाधान में सहयोग करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। हरियाणा में पराली जल रही है, प्रदूषण पैदा हो रहा है तो उसको रोकने में सहयोग करने की जिम्मेदारी केंद्र की है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार राज्यों की प्रवक्ता बन गई है और दिल्ली के साथ उसकी प्रतियोगिता है। केंद्र सरकार से दिल्ली सहयोग चाहती है। क्योंकि दिल्ली के अंदर पराली से जो प्रदूषण आ रहा है वहां हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

 

 

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