गोरखपुर : सीएम योगी ने युवाओं को सशक्‍त बनने का दिया संदेश, कहा- यूपी के हर जिले को स्‍वदेश निर्मित विमान से कनेक्‍ट करेंगे

गोरखपुरः महात्‍मा गांधी पीजी कालेज के दो दिवसीय गोल्‍डन जुबिली सेलिब्रेशन और एल्‍युमनाई मीट के अंतिम दिन बतौर मुख्‍य अतिथि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पहुंचे. यहां पर उन्‍होंने गोल्‍डन ग्‍लोब और नव निर्मित प्रेक्षागृह का लोकार्पण किया. इस अवसर पर उन्‍होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा सशक्‍त बनेंगे, तो देश सशक्‍त बनेगा. उन्‍होंने कहा कि अगले महीने से यूपी में स्‍वदेश निर्मित 19 सीटर विमान उड़ेगे. जो गोरखपुर से लखनऊ और अन्‍य जिलो को आपस में कनेक्‍ट करेंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम लोग पहली बार देश के अंदर स्वदेश निर्मित विमान को भी उत्तर प्रदेश में चलाने जा रहे हैं. एचसीएल का जो डोनियर है. अभी एयरपोर्ट और पोस्ट गार्ड इसे संचालित करता था. अब हम लोगों ने कहा कि नहीं उत्तर प्रदेश के अंदर हमारे शहरों को जोड़ने के लिए इस विमान का इस्तेमाल भी करेंगे. यह 19 सीटर विमान है. लखनऊ से गोरखपुर 45 मिनट के अंदर पहुंच जाएंगे. यात्रा आसान हो जाएगी. हम यूपी के अंदर सभी शहरों को इस प्रकार की वायु सेवा के साथ जोड़ने जा रहे हैं. एचसीएल के माध्‍यम से हम एक महीने के अंदर लाने जा रहे हैं. यूपी की कनेक्टिविटी को हम इसके माध्यम से और बेहतर बनाएंगे.

महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिवार को 50 वर्ष की शानदार यात्रा के लिए हृदय से बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने कहा कि वे खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में इस संस्थान के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है. महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कुछ मानक स्थापित किए हैं. शिक्षा को एक औपचारिकता नहीं बनाया है, बल्कि शिक्षा को सर्वांगीण जीवन के विकास के साथ जोड़ते हुए उन मानकों और मूल्यों को शिक्षा के साथ जोड़ने का प्रयास किया है. जो किसी भी व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए सहायक हो सकते हैं.

सीएम योगी ने कहा कि इस तरीके से महात्मा गांधी पीजी कॉलेज और महात्मा गांधी इंटर कॉलेज शिक्षा के मानक के रूप में विगत 100 वर्ष से विगत 50 वर्ष से एक यात्रा को लेकर के चलना है. जिन्होंने इस दिशा में बेहतरीन प्रयास किया है. जब इस संस्थान के किसी समारोह में आने का अवसर प्राप्त हो, तो स्वाभाविक रूप से यह और भी गौरवशाली होता है कि मैं गोरखपुर की संस्था को आगे बढ़ते हुए देख रहा हूं. उसके स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में सहभागी होने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ है.

उन्‍होंने कहा कि बहुत ही सहजता और सरलता के साथ इस संस्था के संस्थापकों ने गोरखपुर और यहां के पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को उत्तम शिक्षा के केंद्र के रूप में आज से 110 वर्ष पहले महात्मा गांधी इंटर कॉलेज की स्थापना की. आप याद करिए 1909 का मौसम में क्या रहा होगा. जब गोरखपुर में आने-जाने के साधन नहीं थे. जब संसाधनों का घोर अभाव था. कनेक्टिविटी इतनी अच्छी नहीं थी. 110 वर्ष पहले जिस महापुरुष ने गोरखपुर में शिक्षा के केंद्र के रूप में अपनी संपत्ति और अपने संसाधन लगाने का निश्चय किया वह सचमुच कोई सामान्य मानव नहीं रहा होगा.

ये संस्था 110 वर्ष के अपने समर्थन कार्यकाल के साथ निरंतर आगे बढ़ रही है. एक संस्थान अपने 50 वर्ष की लंबी यात्रा करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में एक मानक और आदर्श बनाने के लिए आज भी निरंतर प्रयास कर रही है. युवाओं को अपने उज्जवल भविष्य की संभावनाएं देखनी चाहिए. उन संभावनाओं को उस प्रकार का माहौल देने के लिए सरकार को भी सदैव तत्पर रहना होगा. हमें गोरखपुर की छवि को सुधारना है. आज गोरखपुर विकास की लंबी छलांग के साथ आगे बढ़ रहा है. अब गोरखपुर में एम्स गोरखपुर में 26 वर्ष पहले कारखाना अगले वर्ष प्रारंभ हो जाएगा. फिर से यहां पर उसकी चिमनियों से धुंआ निकलता हुआ दिखाई देगा.

यहां के नौजवानों को नौकरी और रोजगार की ढेर सारी संभावनाओं को आगे लेकर जाएंगे. गोरखपुर में पर्यटन केंद्र के रूप में लोग आते थे. उन्हें लगता था कि केवल गोरखनाथ मंदिर है. आज गीता प्रेस भी जा सकते हैं. रामगढ़ ताल की ओर जाकर वह देखेगा तो उसे लगेगा कि वाकई मुंबई का चौपाटी अब दूर नहीं है. गोरखपुर का रामगढ़ ताल से ही रवि किशन और जवाहर कसौधन को शूटिंग करते हुए देखेंगे. यह माहौल हमें बदलना होगा. हमें उस प्रकार का माहौल देने के लिए जो हम लोग तैयार होंगे. तब लोग हमारे बारे में सोचेंगे. एक समय में पूर्वी उत्तर प्रदेश में यहां के लोगों के आर्थिक स्वावलंबन का सबसे बड़ा आधार था, चीनी उद्योग. किसान को भी स्‍वावलंबी बनाया था. इस चीनी उद्योग ने यहां के मार्केट को भी आगे बढ़ाया था.

आर्थिक स्वावलंबन की ओर लोग बढ़े थे. लेकिन पिछले 30 से 40 वर्ष में निरंतर गिरावट आती गई और एक समय ऐसा आया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश जिसे चीनी का कटोरा कहा जाता था, वहां के सभी चीनी उद्योग बंद हो गए. गोरखपुर में तीन चीनी मिले थीं. 2017 के पहले सभी चीनी मिलें बंद हो गई. इस साल हम लोगों ने एक चीनी मिल को गोरखपुर में फिर से प्रारंभ कर दिया है. मैं गोरखपुर में एयरलाइंस के बारे में सभी कंपनियों से पूछता हूं. मैं पहले गोरखपुर के लिए 60 सीटर विमान मांगता था. आज जितने भी विमान गोरखपुर के लिए हैं सब 120 सीटर है. सभी फुल हो करके जा रही है. कितना पोटेंशियल गोरखपुर में है. इसको कभी पहचानने का प्रयास नहीं होता, तो संभवत गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ अन्याय नहीं होता.

उसकी पहचान हमें स्वयं करनी पड़ेगी. प्रयास हर स्तर पर होना चाहिए और इस प्रयास को ही क्रम में केंद्र और प्रदेश सरकार अनेक योजनाओं को लेकर आपके पास आ रही है. पहले कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब थी. अपहरण होते थे. डकैतियां पड़ती थी. अपराधी टूट पड़ते थे. बालिकाओं की सुरक्षा खतरे में थी. आज अगर राजनीतिक कारण नहीं है, तो उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पिछले 20 वर्षों की कानून व्यवस्था में सबसे बेहतर स्थिति में है. हम इसे देश की सबसे बेहतर कानून व्यवस्था की ओर ले करके जा रहे हैं. आज उसका परिणाम है कि यहां पर ढाई लाख करोड़ का निवेश पिछले ढाई वर्ष में हम कराने में सफल हो चुके हैं.

डिफेंस एक्सपो जो लखनऊ में चल रहा है, उसे आज से पब्लिक के लिए खोल दिया गया है. पब्लिक वहां पर जाकर भारत का पराक्रम और शौर्य देख सकती है. 3 लाख दर्शक आज लखनऊ में डिफेंस एक्सपो को देख रहे हैं. भारत के गौरव को देख रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत की उनकी परिकल्पना को साकार होते हुए लखनऊ में लोग देख रहे हैं. डिफेंस एक्सपो में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश होने जा रहा है. 5 लाख नौजवानों की नौकरी के साथ जोड़ने का अवसर देने जा रहा है.

यह प्रयास का परिणाम है और इस अवसर पर में महात्मा गांधी पीजी कॉलेज परिवार से कहना चाहूंगा यह समय नए इनोवेशन का है. बायोटेक्नोलॉजी एक बेहतर भविष्य की ओर हमारे युवाओं को ले जा सकता है. साइबर और फॉरेंसिक साइंस में बेहतर कार्य किए जाने की आवश्यकता है. हम तकनीक के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे, तो प्रतिस्‍पर्धा में काफी पिछड़ जाएंगे. हम पिछड़ जाएंगे. हमें अपने को युवाओं को बिछड़ने नहीं देना है. हमारे महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को इस दिशा में अपने आपको तैयार करना होगा.

 

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