बुरहानपुर : एक वह कमलनाथ की सरकार थी, एक यह कमल की कमाल की सरकार है : सिंधिया

बुरहानपुर। यह उप चुनाव तय करेगा आपका विकास, आपकी प्रगति, आपका भविष्य और मप्र का भविष्य। एक वह कमलनाथ की सरकार थी जिसने झूठे वादे किए तो वहीं दूसरी यह कमल की सरकार है जिसने प्रदेश का विकास ही विकास किया। जहां जहां भी झूठे वादों की सरकार होगी सिंधिया परिवार का यह मुखिया वहां से उसे उखाड फेकेंगे।

यह बात रविवार सुबह ग्राम दरियापुर में आयोजित भाजपा की सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गद्दार हैं मैं उनको कहना चाहता हूं कि पत्तियां झड गई हमसे गुलशन को सींचने में, वह इल्जाम लगा रहे हैं पर बेवफाई का। गुलशन को रौंद डाला जिसने अपने हाथों से वही दावा कर रहे हैं इस चमन की रहनुमाई का। सिंधिया ने कहा शादी होती है तो क्या घर वालों से दुल्हे की मुलाकात नहीं होती क्या। लोगों ने कहा होती है। तब सिंधिया ने कहा क्या मप्र का नया दुल्हा एक बार भी बुरहानपुर, नेपानगर या दरियापुर आया। लोग बोले नहीं आया। इस पर उन्होंने कहा कि जिस दूल्हे ने अपना चेहरा 15 महीने नहीं दिखाया। आज अगर वोट के लिए आएगा तो क्या करोगे।

सिंधिया परिवार का बुरहानपुर जिले से पारिवारिक रिश्ता
सिंधिया ने कहा सिंधिया परिवार का बुरहानपुर जिले से राजनीतिक रिश्ता नहीं पारिवारिक रिश्ता है। यहां मराठा समाज का अखंड भाग महाराष्ट्र से जुडा है। एक एक व्यक्ति ने यहां त्याग तपस्या कर इस जमीन को सींचा है। नेपानगर में चुनाव होने जा रहे हैं यह मत समझना कि यह उपचुनाव है। यह उपचुनाव नहीं सत्य, प्रगति और आपके भविष्य का चुनाव है।

सिंधिया ने कहा 2018 में मेरे मन में एक सोच और विचारधारा थी कि मप्र विकास और प्रगति करेगा। मेरे मन में भी एक अलख थी कि कांग्रेस के झंडे के साथ काम करूंगा। यह सोचा था मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जनसेवा कर मप्र में जो विकास की लंबी लकीर खींची थी उससे ज्यादा लंबी लकीर हम खींचकर बताएंगे। आपसे सुमित्रा कास्डेकर ने आशीर्वाद मांगा था। कुर्सी के लिए नहीं, स्वयं के लिए नहीं बल्कि जनसेवा के लिए, लेकिन 15 महीने की सरकार ने लकीर तो खींची, लेकिन वह लकीर अपना जेब भरने और भ्रष्टाचार की लकीर थी।

सिंधिया ने कहा कि मप्र में 15 महीनों में कोई बीमार हुआ हो तो कहां से इलाज कराता होगा समझा जा सकता है। एक मामूली ट्रांसफर के लिए वल्लभ भवन में बोली लगती थी 10 लाख, 20 लाख, 30 लाख। कलेक्टर, एसपी, एसडीओपी तक के ट्रांसफर होते थे। एक एसपी का ट्रांसफर एक हफ्ते में चार बार होता था। सुमित्रा कास्डेकर पूर्व सीएम कमलनाथ के पास जाती थी उनके काम नहीं होते थे।

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ ने 10 दिन के अंदर कर्ज माफ करने की बात कही थी। मैंने 10 दिन इंतजार किया जो किसानों के साथ वादा खिलाफी करेगा उस सरकार को उखाडने का काम ज्योतिरादित्य सिंधिया करेगा। 15 महीने में कर्ज माफ नहीं किया। पांच माह में शिवराजसिंह ने पूरे मप्र सरकार में 5 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीदी की। चना फसल की खरीदी की अवधि की एक माह बढवाई। हर किसान को लाभ मिला। बिजली के बिल को समाधान योजना में डाला गया। कमलनाथ ने फसल बीमा योजना को लॉक किया था वहीं शिवराजसिंह ने किसानों को साढे सात हजार करोड रूपए भिजवाए। पीएम ने किसान सम्मान निधि की योजना की। 94 हजार करोड किसानों के खाते में पैसे गए। 4 हजार रूपए मप्र ने देने का निर्णय लिया। 10 हजार प्रत्येक किसान के खाते में हर साल पहुंचेंगे। वह कमल की सरकार थी और यह कमल की कमाल की सरकार है। उन्होंने कहा कमलनाथ ने 25 हजार की जगह 51 हजार रूपए देने को कहा था। लाखों बच्चियों की शादी हो गई। सात फेरे हो गए। बच्चियां अपने नए घर चली गईं। कमलनाथ कहते रहे पैसे नहीं हैं पैसे नहीं हैं। जबकि सीएम शिवराज ने एक एक बच्ची के खाते में पैसे पहुंचाए।

नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि मप्र शिवराजसिंह चौहान को चौथी बार मुख्यमंत्री बनाना है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और 25 विधायकों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की है। अब हमारी बारी है कि इनका साथ दें। उन्होंने कहा सुमित्रा कास्डेकर को नेपानगर विधानसभा से ऐतिहासिक जीत दिलाना है।

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