महोबा: जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, ब्लड की जगह चढ़ाया लाल रंग की दवा, फिर जो हुआ

स्वास्थ्यकर्मी ने ब्लड की जगह चढ़ाया लाल रंग की दवा, फिर जो हुआ जानकर हो जाएंगे हैरान

महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां जिला अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला अपने बीमार बेटे का इलाज कराने पहुंची थी. वहां डॉक्टरों ने उसे ब्लड चढ़ाने के लिए बोला. आरोप है कि विधवा महिला ने अपने जेवरात बेचकर पैसों की व्यवस्था की और खून के इंतजाम के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत अस्पताल की महिला स्वास्थ्यकर्मी राजकुमारी को दी. इसके बाद ब्लड चढ़ाने के नाम पर ग्लूकोज में लाल रंग का इंजेक्शन मिलाकर चढ़ा दिया गया. बेटे की हालत बिगड़ने और मामले को तूल पकड़ता देख जिला अस्पताल प्रशासन ने बीमार मरीज को रेफर कर दिया है. मामला सुर्खियों में आने के बाद सीएमएस ने जांच के आदेश दिए है.

जिला अस्पताल की घिनौना सच- Letest News

बता दे कि मामला महोबा सदर तहसील के भंडरा गांव का है. जहां पर रहने वाली 65 वर्षिया विधवा रामकुमारी अपने बेटे जुगल के साथ किराए के मकान में रहती है. सरकारी सुविधाओं के नाम पर आज तक इस बुजुर्ग महिला को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल सकी है. पहली बार बेटे की तबियत खराब होने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचने पर कर्मचारियों ने 5 हजार रुपये ब्लड की बोतल के नाम पर लेने की बात रख दी थी. जिसे पूरा करने के लिए लाचार मां ने अपने कानों की सोने की बाली और अंगूठी को बेचने को मजबूर होना पड़ा है.

ग्लूकोज में लाल रंग का इंजेक्शन मिलाकर चढ़ा दिया

हैरानी की वात ये है कि सोने के आभूषण बेचकर कर्मचारियों को 5 हजार रुपये की रिश्वत देकर मां ने बेटे का इलाज शुरू कराने की सिफारिश की थी. मगर हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्यकर्मी ने पूरी रकम को हजम करने के लिए ग्लूकोज में लाल रंग का इंजेक्शन मिलाकर चढ़ा दिया गया. बीमार बेटे की हालत बिगड़ते देख मां के हंगामे को लेकर अस्पताल प्रशासन ने युवक को जिला अस्पताल से रेफर कर दिया है. सीएमएस डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि टीम गठित कर मामले में जांच के आदेश दिए है. साथ ही आरोपी महिला कर्मचारी राजकुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

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