अखिलेश ने भाजपा पर बोला हमला, कहा- BJP में निषाद समाज का हो रहा तिरस्कार

चुनाव से पहले उन्‍होंने मेरा टिकट काटकर उम्रदराज व्‍यक्ति को दे दिया

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दल-बदल का दौर जारी है. इस बीच आगरा की फतेहाबाद विधानसभा सीट से विधायक जितेंद्र वर्मा कमल का साथ छोड़ साइकिल पर सवार हो गए हैं. वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं। इसके साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्‍हें आगरा का जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाहा ने कहा कि वह हमारे अच्‍छे कार्यकर्ता थे, लेकिन उनके दूसरी पार्टी में जाने से हमें कोई नुकसान नहीं होगा. हमारे पास निषाद समाज के तमाम दमदार कार्यकर्ता हैं। वर्मा ने कहा कि मैंने भाजपा के लिए पूरी दमदार से काम लिया, लेकिन चुनाव से पहले उन्‍होंने मेरा टिकट काटकर उम्रदराज व्‍यक्ति को दे दिया है।

भाजपा में निषाद समाज का तिरस्कार निरंतर जारी

यही नहीं, जितेंद्र वर्मा के आने के बाद सपा ने कहा कि भाजपा में निषाद समाज का तिरस्कार निरंतर जारी है, जिसके चलते वंचित वर्ग के नेता लगातार भाजपा छोड़ रहे हैं। यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने उनको जिलाध्यक्ष बनाया है. पिछड़ों दलितों का इंकलाब होगा, 22 में बदलाव होगा. बता दें कि साल 2008 से 2014 तक जितेंद्र वर्मा सपा के जिलाध्यक्ष रहे थे। इसके बाद 2016 में भाजपा में आ गए. वहीं, भाजपा ने गिर्राज सिंह कुशवाहा (मौजूदा जिलाध्‍यक्ष) को फिर से मैदान में उताने के बजाए वर्मा को टिकट दिया था. बहरहाल, निषाद समाज से आने वाले जितेंद्र वर्मा के सपा में शामिल होने पर निषाद बाहुल्य फतेहाबाद और बाह सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।

फतेहाबाद से छोटे लाल वर्मा पर खेला दांव

भाजपा ने आगरा की इस सीट से सिटिंग विधायक जितेंद्र वर्मा के बजाए पूर्व विधायक छोटेलाल वर्मा पर दांव खेला है. वह दो बार विधायक ( बसपा और भाजपा) रह चुके हैं. वह लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं. हालांकि भाजपा के जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाहा (Girraj Singh Kushwaha) ने कहा कि वह हमारे अच्‍छे कार्यकर्ता थे, लेकिन उनके दूसरी पार्टी में जाने से कोई नुकसान नहीं होगा. हमारे पास निषाद समाज के तमाम दमदार कार्यकर्ता हैं. भाजपा इस बार आगरा की सभी सीटों पर परचम लहराएगी.

यूपी में कब-कब है वोटिंग

उत्तर प्रदेश में इस बार सात चरणों में मतदान होना है. इसकी शुरुआत 10 फरवरी को पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी. इसके बाद दूसरे चरण में राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा. वहीं, तीसरे चरण में 59, चौथे चरण में 60, पांचवें चरण में 60 सीटों, छठे चरण में 57 और सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा. 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान के बाद 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, 3 मार्च को छठे चरण और 7 मार्च को सातवें चरण के लिए मतदान होगा. वहीं, यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.

 

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