वर्ल्ड मलेरिया डे

वैज्ञानिकों ने ‘मलेरिया’ का नया टीका बनाया है। इस टीके का नाम R21/Matrix-M है। यह वैक्सीन दुनिया की एक ऐसी वैक्सीन है जिसने ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ के 75 प्रतिशत प्रभावकारिता के लक्ष्य को पार किया है। इस वैक्सीन को ‘वर्ल्ड चेंजर’ माना जा रहा है। घाना विश्व का पहला ऐसा देश है जिसने इस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। घाना के फूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने इस वैक्सीन को 5 से 36 महीने के बच्चों के लिए भी मंजूरी दे दी है।
वहीं एक तरफ ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ इस वैक्सीन को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है।

लंदन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन को बनाया है। वैक्सीन प्रोग्रामर के चीफ इन्वेस्टिगेटर और विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर ‘एड्रियन हिल’ ने कहा कि यह ऑक्सफोर्ड मे मलेरिया वैक्सीन अनुसंधान के 30 सालों की मेहनत का नतीजा है।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक घाना और अफ़्रीका का पहला ऐसा महत्वपूर्ण कदम होगा जब बच्चे इस टीके के जरिए मलेरिया से लड़ने में कामयाब होंगे।

वर्ल्ड मलेरिया डे 2023 की थीम
“Time to deliver zero malaria: invest, innovate, implement”

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