जम्मू कश्मीर में लागू होगा नागरिकता कानून, बाहर निकाले जाएंगे रोहिंग्या, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बड़ा बयान

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यह कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू किया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को जम्मू-कश्मीर से जाना होगा और हम उनके निर्वासन की पूरी तैयारी करेंगे।

बीते शुक्रवार, जम्मू में एक तीन दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन में पहुंचे केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में रोहिंग्या को यहाँ की नागरिकता नहीं दी जाएगी और उन्हें यहाँ से जाना होगा। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन कानून का कोई लाभ नहीं मिलेगा। रोहिंग्या को लेकर उन्होंने बताया, “वे तीन देशों और छह अल्पसंख्यकों में से किसी से संबंधित नहीं हैं जिनके लिए सीएए का गठन किया गया है। वे म्यांमार से आए हैं। ऐसे में वे किसी भी तरह से नागरिकता हासिल करने में सक्षम नहीं होंगे। ‘

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या विचारणीय है। ऐसे में उनके निर्वासन की व्यवस्था को लेकर केंद्र विचार करेगा। सिंह ने बताया कि ज़रुरत अनुसार उनकी सूची तैयार की जाएगी और बायोमेट्रिक्स लिए जाएंगे। बता दें कि एक सरकारी अनुमान के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में रहने वाले रोहिंग्याओं की संख्या 5,700 है, जबकि UNHCR की 2017 की रिपोर्ट में ये आंकड़ा 7,000 सुझाया गया था। गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों को दुनिया के सबसे सताए गए समुदायों में से एक माना जाता है। ऐसे में भारत में मौजूद रोहिंग्या शरणार्थी सीएए से लाभ की उम्मीद कर रहे थे। हालाँकि केंद्र सरकार ने उन्हें भी इस कानून की शरण से बाहर कर दिया है।

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