उज्जैन : राज्य सूचना आयोग की जांच में उलझे नागदा तहसीलदार एवं सीएमओ

उज्जैन/नागदा। मप्र राज्य सूचना आयोग ने सूचना अधिकार अधिनियम का कथित उल्लघंन करने पर तहसीलदार कार्यालय नागदा के लोकसूचना अधिकारी अर्थात तहसीलदार के खिलाफ कुल 4 जांच प्रकरण पंजीबद्ध किए हैं। आयोग ने यह कार्यवाही आरटीआई एक्टिविस्ट नागदा निवासी अभिषेक चौरसिया की शिकायत पर की है। आयोग के सचिव ने इसकी विधिवत सूचना जारी की है। अभिषेक ने जांच प्रकरण पंजीबद्ध होने की सूचना गुरुवार को मीडिया को साझा की, जिसकी प्रति हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता के पास सुरक्षित है।

नागदा तहसीलदार कार्यालय में लोकसूचना अधिकारी के पद पर तहसीलदार अशोक कुमार गुहा पदस्थ हैं, जबकि नपा नागदा में सीएमओ मो. अशफाक खान हैं। इनके खिलाफ भी 4 जांच प्रकरण आयोग ने पंजीबद्ध किए हैं।

क्या है मामला

शिकायत के मुताबिक सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदकों के प्राप्त आवेदनों को निपटारा अधिनियम की धारा 7.1 के तहत निर्धारित समय सीमा 30 दिनों में करना अनिवार्य है, लेकिन इन दोनों अधिकारियों ने आवेदनों का कोई जवाब तक नहीं दिया। ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता ने सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 18 में दोनों अधिकारियों पर जुर्माना करने की शिकायत की थी, जिसको आयोग ने सुनवाई के योग्य माना और कार्यवाही में शामिल किया। अभिषेक का कहना है कि दोनों अधिकारियों से जनसरोकार से संबधित जानकारियां मांगी गई थी, लेकिन उन्होंने सूचना अधिकार को अनदेखा किया।

क्या बोले एक्सपर्ट

इस मामले में मप्र राज्य सूचना आयोग के पूर्व सूचना आयुक्त आत्मदीप को मत लिया गया तो उन्होंने बताया कि यह दोनों गंभीर मामले हैं। अधिकारी आमतौर पर सूचना अधिकार के आवेदनों को गंभारता से नहीं ले रहे हैं। इस प्रकार के प्रकरणों में दोषी अधिकारियों पर अधिनियम की धारा 20.1 में अधिकतम 25 हजार का जुर्माना तथा धारा 20.2 में सर्विस नियमों के तहत कार्यवाही की जा सकती है। अधिकारी की सर्विस बुक में भी लिखा जा सकता है। यहां तक पीडि़त पक्ष को धारा 19.8 बी के तहत मुआवजा देने के लिए भी आदेश पारित कर सकता है। यह मुआवजा भी दोषी अधिकारी से वसूलने का प्रावधान है।

क्या बोले तहसीलदार गुहा

इस मामले में तहसीलदार अशोक कुमार गुहा से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि उनकों यहां पर आए लगभग तीन माह हुए हैं। स्टाफ की कमी है। अभी व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। अभिषेक के सभी प्रकरणों का जवाब कल ही दे दिया जाएगा।

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