यमुनानगर: रामचरितमानस ग्रंथ पर मंत्रियों के बयान पर व्यापारी भड़के

-बोले, इस तरह की नफरत भरी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं

यमुनानगर,28 जनवरी। हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के खिलाफ व्यापारियों ने शनिवार को शहर के थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा।

इन दोनों मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र मित्तल ने पत्रकारों को बताया कि हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस में हम हिंदुओं की आस्था है। और यह ग्रंथ हमारे लिए पूज्यनीय हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की नफरत भरी टिप्पणी के हम खिलाफ है और इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

उन्होंने प्रशासन और सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन दोनों ही मंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज कर और सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। ताकि वें भविष्य में इस तरह की नफरत वाली टिप्पणी करना बंद करें। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ को हजारों साल पहले तुलसी दास द्वारा लिखा गया हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी समाज की शांति को भंग करने का हक नहीं है। किसी को भी किसी अन्य के धर्म के प्रति नफरत नहीं फैलानी चाहिए। इससे समाज का ताना-बाना टूटता है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हिंदू धर्म में ही पैदा हुए कुछ स्वार्थी लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए घटिया मानसिकता का परिचय दे रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार इन दोनों आरोपित पर बड़ी कार्रवाई करें। इस मौके पर बड़ी संख्या में व्यापारी और सामाजिक संगठन के सदस्य भी शामिल रहे।

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