बदलेगा बस्ती जिले का नाम, जानिए 12वीं बार डीएम ने क्या भेजा प्रस्ताव, कही ये बात

बस्ती की डीएम सौम्या अग्रवाल में बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर करने का प्रस्ताव फिर से सचिव राजस्व परिषद को भेज दिया है 12वीं बार भेजे गए इस प्रस्ताव में डीएम ने बताया है कि जिले का नाम बदलने पर कोई अतिरिक्त शासकीय व्यय नहीं होगा। इस आशय की रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग ने भी दी है।

बताते चलें कि तीन वर्ष पूर्व क्षेत्रीय नागरिकों और विभिन्न संस्थाओं ने जिले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर करने के लिए ज्ञापन शासन को भेजा था। जनप्रतिनिधियों ने भी इस बाबत कई बार पत्र मुख्यमंत्री समेत राज्यपाल व अन्य उच्चाधिकारियों को भेजा था जिसके क्रम में राजस्व परिषद ने बस्ती के जिलाधिकारी से नाम बदलने का प्रस्ताव मांगते हुए यह पूछा था कि नाम बदलने के लिए कितना खर्च आएगा। पूर्व में जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में यह बताया गया था कि बस्ती का नाम वशिष्ठ नगर करने के लिए एक करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस पर राजस्व परिषद ने संपूर्ण आख्या मांगी थी कि किन मदों में रुपये खर्च किए जाएंगे। कई बार भेजे गए प्रस्ताव में बार-बार दोहराव हो रहा था। एक बार फिर से राजस्व परिषद ने फरवरी में नाम बदलने के प्रस्ताव के बारे में जिलाधिकारी से आख्या मांगी तो डीएम ने पीडब्ल्यूडी से इस बाबत आख्या मांगी कि नाम बदलने के कार्य में कितना खर्च आएगा फरवरी 2022 में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने यह बताया कि जिले का नाम बदलने पर कोई भी शासकीय खर्च नहीं होगा बशर्ते सभी राजकीय विभाग अपने कार्यालय मद से जिले के नाम बदलने से संबंधित आने वाले खर्च को करें। इस आख्या को शासन में भेजा गया था।

राजस्व परिषद ने 25 मई को पत्र भेजते हुए एक बार पुन: इस बात की जानकारी चाही कि विभागों से कितना होगा। इस सवाल का जवाब देते हुए डीएम सौम्या अग्रवाल ने सचिव को जिले के नाम बदलने का प्रस्ताव भेजते हुए यह बताया है कि नाम बदलने के कार्य पर कोई अतिरिक्त शासकीय व्यय नहीं होगा। राजस्व परिषद डीएम के प्रस्ताव पर सहमति देता है तो जिले का नाम वशिष्ठ नगर करने के लिए शासन को प्रस्ताव चला जाएगा।

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