भारत नेपाल विवाद पर सुब्रमण्यम स्वामी बोले – भारत को विदेश नीति फिर से स्थापित करने की जरूरत

भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद बढ़ रहा है। कल नेपाल की संसद में विवादित नक्शे में संशोधन पास कर दिया गया। इस नक्शे में भारत के तीन हिस्से हैं। लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इन तीनों ही हिस्सों पर नेपाल अपना हक जताना चाहता है। वही ऐसे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि भारतीय विदेश नीति को नए सिरे से मजबूत किया जाना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि भारत को विदेश नीति को फिर से स्थापित करने की जरूरत है। बता दें कि नेपाल और भारत पहले जहां दोस्त हुआ करते थे आज वहां नक्शे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

ऐसे में सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि , ‘भारतीय क्षेत्र के लिए नेपाल कैसे सोच सकता है? उनकी भावनाओं को इस कदर चोट पहुंचाई गई है कि वो भारत के साथ रिश्तों को तोड़ना चाहते हैं? क्या यह हमारी विफलता नहीं है? विदेश नीति को फिर से स्थापित किए जाने की आवश्यकता है।

भारत और नेपाल के बीच विवाद तब और ज्यादा बढ़ गया जब नेपाली संसद में विवादित नक्शे पर संशोधन का बिल पारित कर दिया गया। नेपाल के प्रधानमंत्री खुद भारत के खिलाफ टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं ऐसे में जब बिल पारित कर दिया गया तो भारत सरकार ने नेपाल पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। भारत ने इसे नेपाल के उल्लंघन और दावों का एक कृत्रिम विस्तार करार दिया है। नेपाल की ओर से संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों पर अपना दावा किया गया है। भारतीय नक्शे में ये सभी हिस्से उत्तराखंड में पड़ते हैं।

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