सिंधिया ने खुद के स्वार्थ के लिए कांग्रेस के विधायकों को बेचा: सज्जन सिंह वर्मा

भोपाल। जैसे-जैसे चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है, राजनीतिक दलों के नेताओं की भाषा भी तल्ख होती जा रही है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के विधायक गए नहीं, उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने स्वार्थ के लिए बेचा है, उनका सौदा किया है। तभी तो इस पूरे षडयंत्र में 20 दिन दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक हलचल मची रही। उन्होंने कहा कि यदि विधायक जाना चाहते थे तो एक दिन में भी निर्णय कर सकते थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनसे और भाजपा से सौदेबाजी की उसमें समय लग गया था। सिंधिया ने अपने स्वार्थ केंद्र में मंत्री बनने के लिए खुद को और अपने समर्थकों का सौदा किया।

वर्मा ने कहा कि जब सिंधिया नरेंद्र मोदी से केंद्र में मंत्री पद के लिए मिले तो मोदी ने कहा कि अमित शाह से बात करें, बड़ी मुश्किल से अमित शाह से समय मिला तो उन्होंने जेपी नड्डा के पास भेज दिया। जैसे तैसे जेपी नड्डा से मुलाकात कर बात की तो उन्होंने कहा कि हमारी प्रदेश इकाई तय करेगी। इस तरह दर-दर भटकने की स्थिति आज सिंधिया की हो गई है। जो कांग्रेस में सर्वोच्च शिखर पर था उसकी बिकने के बाद यह हैसियत हो गई है।

वर्मा ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार लगातार प्रदेश के विकास के लिए अच्छे फैसले ले रही थी, गुंडाराज और माफिया राज कमलनाथ जी के सशक्त इरादों के आगे समाप्त हो गया, किसानों की कर्ज माफी ने उन्हें एक नए भविष्य की दिशा दिखाई थी। लेकिन इस खरीद-फरोख्त की राजनीति ने पूरे विश्व में मध्यप्रदेश का नाम बदनाम कर दिया। बाबा साहब अंबेडकर को भी यह नहीं पता था की इस तरह की राजनीति भी भविष्य में होगी। उन्होंने संविधान में प्रावधान किया था कि यदि किसी विधायक या सांसद की मृत्यु हो जाए उस स्थिति में 6 महीने के दौरान उपचुनाव करा कर नए जनप्रतिनिधि को चुना जाए। उन्हें नहीं पता था की उपचुनाव इसलिए भी होंगे कि विधायक और सांसद बिकने लगेंगे।

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