डिप्टी सीएम के लिए मान जाए शिवसेना, अठावले का बड़ा बयान

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना में टकराव जारी है । खासकर मुख्यमंत्री के पद को लेकर दोनों पार्टियां एकमत नही हो पा रही हैं । ऐसे में केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) प्रमुख रामदास आठवले ने इसको लेकर एक बड़ा बयान दिया है । आठवले ने कहा है कि शिवसेना को आदित्य ठाकरे के लिए उप मुख्यमंत्री पद पर मान जाना चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने दोनों पार्टियों से बात करने की बात कही ।

RPI प्रमुख रामदास आठवले ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बीजेपी रोटेशन पर आधारित मुख्यमंत्री पद के लिए सहमत होगी । उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री का पद शिवसेना को पांच साल के लिए दिया जा सकता है । आठवले ने कहा कि मेरी सलाह बीजेपी और शिवसेना दोनों को जनता के समर्थन को देकर है । ऐसा करने से जनता को भी अच्छा लगेगा । आठवले ने कहा कि इस बारे में वह दोनों पार्टियों से बात करेंगे और इस मामले को जल्द सुलझाने का प्रयास करेंगे । उन्होंने कहा कि यह सच है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा की सीटें कम आई हैं । ऐसे में शिवसेना 50-50 के फॉर्मुले पर सरकार बनाने के लिए कह रही है ।

शिवसेना की बढ़ी बारगेनिंग पॉवर

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शिवसेना को लेकर कहा है कि शिवसेना की बारगेनिंग पॉवर अब बढ़ी है, और इसमें कोई शक नहीं है । अगर शिवसेना की तरफ से आदित्य ठाकरे को उप मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया जाता है तो इसमें गलत बात नहीं है । शिवसेना की यह मांग जायज है । रामदास ने आगे कहा, ‘ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूला का मैं समर्थन नहीं करूंगा ।’ मुझे लगता है कि शिवसेना के आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाए और देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री का पद संभालें ।

गौरतलब है कि इस बार महाराष्ट्र में 288 सीटों पर हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई है । लेकिन निर्दलीयों के समर्थन से यह आंकड़ा क्रमशः 107 और 60 पहुंच गया है । वहीं कांग्रेस ने 44 और एनसीपी ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की है । ऐसे में शिवसेना बीजेपी से बराबरी की मांग कर रही है । सत्ता में बराबर हिस्सेदारी को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने एक बयान में सीधे तौर पर कहा है बीजेपी शिवसेना को अगली बार सरकार गठन के लिए दूसरे विकल्प ढूंढने पर मजबूर न करे । ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मन का न मिलने पर शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी से मिल सकती है ।

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