देश की 30% आबादी को सरकार ने पहुंचाया 47 से पूर्व की स्थिति में: रामगोविन्द चौधरी

राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर की जयन्ती पर उपवास रखकर लोगों की भूख और पीड़ा से जोडें – नेता प्रतिपक्ष

लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि महात्मा गाँधी ने इस देश के बेबस और निरीह लोगो को इच्छा शक्ति दी थी, हौसला दिया था अपने श्रम से अपने पैरों पर खड़ा होने का। इस सरकार ने अपने अनियोजित फैसलों से उस इच्छा शक्ति और उस हौसले को तोड़ दिया। इसकी वजह से देश के तीस फीसदी लोग फिर से 1947 से पहले की स्थिति में पहुँच गए। ये लोग इस समय दाने दाने के लिए मोहताज हैं। उन्होंने कहा है कि देश की इस तीस फीसदी आबादी की पीड़ा से अपने को जोड़ने के लिए हम सभी लोग आज17 अप्रैल को राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर की जयन्ती पर पूरे दिन का उपवास रखेंगे और उससे हुई बचत से अपने पड़ोस के किसी परेशान परिवार की मदद करें।

गुरुवार को जारी एक प्रेस नोट में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि यह देश सबका है। सभी लोग मिलकर धीरे धीरे ही सही, एक समृद्ध और सशक्त भारत का निर्माण कर रहे थे कि देश में नफरत और झूठ के बल पर एक ऐसी सरकार आ गई जो सरकार में होने के बाद भी नफरत के व्यापार को ही अपना मिशन बना बैठी है। परिणाम सामने हैं, डॉक्टरों पर हमला हो रहा है, सब्जी बेचने वाले मारे जा रहे हैं और सरकार सद्भाव की स्थिति बनाने की जगह सद्भाव में आग लगाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर होते तो वह नफरत के इस सियासी कारोबार को रोकने के लिए लोकसभा से लेकर सड़क तक खड़े नजर आते। वह नहीं हैं, इसलिए हम सभी लोगों का दायित्व है कि हम सभी लोग राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर की तर्ज पर देश में सद्भाव का माहौल बनाए रखने का हर सम्भव प्रयास करें।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि 8 मार्च 2001 को राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर ने लोकसभा में कहा था,
” कभी भी दुनियां में क्रांतियां पार्लियामेंट के प्रस्तावों से नही होती, सुप्रीमकोर्ट के जजमेंट से नही होती। उच्चतम न्यायालय के निर्णय रखे रह जाते हैं। पार्लियामेंट बैठी रहती है औऱ लोग बगावत के रास्ते पर खड़े हो जाते हैं। याद रखिये इंसान का दिमागी परिंदा कभी कफ़न में कैद नही होता। मानव चेतना को कोई बन्दी नही बना सकता। भूख की पीड़ा से उपजी हुई आग बड़े बड़े महलों को जला देती है, कही यह आग जला न जाये संसद भवन को, जला न जाये भारत का ये सारा ढकोसला, कहीं जला न जाये पीएमओ में बैठे राजनेता व नौकरशाहों को।”

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि मैं नहीं चाहता कि देश में ऐसी स्थिति आए लेकिन देश के तीस फीसदी लोगों की भूख को, पीड़ा को यूँ हीं नज़र अंदाज़ किया गया तो यह स्थिति आ भी सकती है। इसलिए मैं सरकार से अनुरोध कर रहा हूँ कि टीवी चैनलों और अखबारों से बाहर निकले। इस भूख को, इस पीड़ा को समझे और इसका निदान करे।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों से अपील की है कि वह राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर के इस भाषण को पढ़े और भूख व पीड़ा से पैदा होने वाले खतरों को समझे। उन्होंने लोकतन्त्र में आस्था रखने वालों से विशेष रूप से कहा है कि वह लोग आज 17 अप्रैल को राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर की जयंती के अवसर पर उपवास रख अपने को देश के तीस फीसदी लोगों की भूख और पीड़ा से जोड़े। इसके तहत शुक्रवार को मैं रामगोविन्द चौधरी अपने आवास पर उपवास करूँगा। आप भी अपने अपने आवास पर करिए। समाजिक दूरी अपनाकर कोरोना से लड़िए लेकिन पड़ोस के आंसुओं के दर्द को भी समझिए।

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