नेपाल पीएम ओली के श्रीराम वाले बयान पर नेपाल एंबेसी के बाहर नेपाल के लोगों ने पीएम ओली के खिलाफ किया प्रदर्शन

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली लगातार भारत के खिलाफ बयान देते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन इस बार जो उन्होंने बयान दिया उसने उन्होंने भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण का आरोप लगा दिया है। जी हां नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली मे बेतुका बयान दिया है। बता दें कि प्रधानमंत्री निवास में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि भारत ने नकली अयोध्या को खड़ा कर नेपाल की सांस्कृतिक तत्वों का अतिक्रमण किया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी नेपाल के प्रधानमंत्री को काफी ट्रोल किया जा रहा है। बता दें कि नेपाली पीएम के इस बयान के बाद दिल्ली में नेपाल एंबेसी के बाहर नेपाल के लोगों ने कल शाम प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भारत हमेशा से नेपाल का मित्र है लेकिन चीन हमेशा से नेपाल से दुश्मनी निभाता रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भारत और नेपाल का रिश्ता ऐतिहासिक है। नेपाल की हर सुख दुख में भारत सरकार हमेशा खड़ी रही है इस बात को नेपाल की राजनीत आप भले ही भूल गए हो लेकिन वहां की जनता इस बात को अच्छी तरीके से जानती है।

बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने कहा था कि भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या भारत की उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि नेपाल के वाल्मीकि आश्रम के पास है। उन्होंने कहा कि हम लोग आज तक इस भ्रम में हैं कि सीता जी का विवाह जिस भगवान श्रीराम से हुआ वह भारतीय हैं। भगवान श्री राम भारतीय नहीं बल्कि नेपाल के हैं।

नेपाल के प्रधानमंत्री अली ने कहा अयोध्या, जनकपुर से पश्चिम में रहे बीरगंज के पास थोड़ी नामक जगह में वाल्मीकि आश्रम है। वहां एक राजकुमार रहते थे। वाल्मीकि नगर नामक जगह अभी बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में है जिसका कुछ हिस्सा नेपाल में भी है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा दावा किए जाने वाले स्थान पर राजा से शादी करने के लिए अयोध्या के लोग जनकपुर में कैसे आए?

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