35 दिन बाद जेल से रिहा हुए मुनव्वर फारूकी, जानें क्या कहा

हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट से से अंतरिम जमानत मिलने के बाद हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी रविवार तड़के इंदौर की केंद्रीय जेल से रिहा हो सके।

इंदौर सेंट्रल जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने कहा कि कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को आधी रात के बाद रिहा किया गया। बता दें कि पिछले 35 दिनों से फारुकी न्यायिक हिरासत में थे।

इंदौर की सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद मुनव्वर फारुकी मीडिया से बचते नजर आए। हालांकि, उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।

बताया जा रहा है कि फारुकी देर रात ही मुंबई के लिए रवाना हो गए। इससे पहले खबर थी कि केंद्रीय जेल प्रशासन ने प्रयागराज की एक अदालत के जारी पेशी वारंट का हवाला देते हुए फारुकी की रिहाई में असमर्थता जताई थी।

दरअसल, इंदौर में एक जनवरी की रात दर्ज प्राथमिकी में धार्मिक भावनाएं आहत करने के मुख्य आरोप का सामना कर रहे गुजरात के हास्य कलाकार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी थी। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस भी जारी किया है।

फारुकी के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को उच्चतम न्यायालय का आदेश प्रस्तुत कर जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं।  स्थानीय अदालत ने 50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर फारुकी को केंद्रीय जेल से रिहा करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में फारुकी के खिलाफ प्रयागराज में दर्ज मामले में वहां की एक निचली अदालत के जारी पेशी वॉरंट पर शुक्रवार को रोक भी लगा दी थी।

हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप में ही फारुकी के खिलाफ प्रयागराज के जॉर्ज टाउन पुलिस थाने में पिछले साल मामला दर्ज किया गया था।

यहां बताना जरूरी है कि  जिला अदालत और इसके बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने फारुकी की जमानत अर्जियां दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दी थीं। इसके बाद हास्य कलाकार ने जमानत पर रिहाई के लिए उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय भाजपा विधायक के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारुकी और एक हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात मामला दर्ज कराया था।

विधायक पुत्र का आरोप है कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं।

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